Saturday, March 15, 2025

‘खूबसूरत’ सी कॉमेडी फिल्म बनाना चाहते हैं विवेक रंजन, बोले- ‘जल्द पूरी होगी मंशा’ (आईएएनएस साक्षात्कार)


मुंबई, 15 मार्च (आईएएनएस)। ‘द कश्मीर फाइल्स’, ‘वैक्सीन वॉर’ हो या अपकमिंग ‘द दिल्ली फाइल्स’, निर्माता-निर्देशक विवेक रंजन अग्निहोत्री अक्सर गंभीर विषयों पर आधारित फिल्मों का निर्माण करते आए हैं। हालांकि, उन्होंने न्यूज एजेंसी आईएएनएस से बातचीत में अपने दिल की बात कही। उन्होंने कॉमेडी फिल्म बनाने की इच्छा जाहिर की। कहा कि वह एक ऐसी कॉमेडी फिल्म बनाना चाहते हैं, जो साफ-सुथरी और फूहड़ता से दूर हो।

विवेक रंजन अग्निहोत्री ने बताया कि वह गंभीर विषयों पर फिल्म बनाते रहे हैं लेकिन उन्हें कॉमेडी फिल्में देखना बहुत पसंद है और वह ऐसी फिल्म बनाने की भी इच्छा रखते हैं। उन्होंने कहा, “मैं गंभीर फिल्में बनाता हूं। गंभीर इसलिए क्योंकि वे राजनीतिक पृष्ठभूमि की होती हैं लेकिन मैं खुद बहुत ज्यादा कॉमेडी, ड्रामा और थ्रिलर देखता हूं। मुझे कॉमेडी फिल्में पसंद हैं। दरअसल, यह मेरी जिंदगी का एक मिशन था कि मैं भारत की डेमोक्रेसी के तीनों स्तंभ सत्य, न्याय और जिंदगी पर एक फिल्म बनाऊं। ‘ताशकंद फाइल्स’ – सत्य, ‘द कश्मीर फाइल्स’ – न्याय पर थी और अब दो भाग में ‘द दिल्ली फाइल्स: बंगाल चैप्टर’ आ रही है, जिसका संबंध जिंदगी से है और अब यह पूरा भी हो चुका है।”

अग्निहोत्री ने बताया कि गंभीर विषयों पर फिल्में बनाने के बाद अब वह साफ-सुथरी कॉमेडी फिल्म बनाना चाहते हैं, जिसमें अश्लीलता या फूहड़ता न हो। उन्होंने कहा, “आप पुराने समय की फिल्मों को ले लीजिए, मैं वैसी फिल्में बनाना चाहता हूं, मैं ‘पड़ोसन’, ‘चलती का नाम गाड़ी’, ‘अंगूर’ और ऋषिकेश मुखर्जी की फिल्म ‘खूबसूरत’ जैसी फिल्म बनाने की मंशा रखता हूं।”

‘द दिल्ली फाइल्स’ बनाने का विचार कैसे आया? इस सवाल पर उन्होंने कहा, “पूरी दुनिया में हम ही एक ऐसी कम्युनिटी हैं, जो गुलामी की जंजीर में रहे और हमें प्रताड़ित किया गया। हमें हमेशा से सिखाया गया कि अपने गुस्से को कंट्रोल करना चाहिए, उसे प्रकट करने से बचना चाहिए और पूरी दुनिया यही सिखाने में लगी हुई है कि मानवता क्या है? लेकिन आज की पीढ़ी को बंगाल या डायरेक्ट एक्शन डे की सच्चाई से अवगत कराना जरूरी है। फिल्म में बंगाल की आज की स्थिति को भी दिखाया गया है। ये फिल्म सार्थक जरूर होगी क्योंकि देखकर लोगों के मन में ये जरूर आएगा कि बंगाल अलग नहीं, ये हमारे देश का ही एक हिस्सा है।”

विवेक रंजन अग्निहोत्री ने फिल्मों को लेकर दर्शकों की पसंद पर भी बात की। उन्होंने कहा, “दर्शक के पास आज के समय में चॉइस कम है। हम जो फिल्में उन्हें देते हैं, वो उसी में से चयन करते हैं, फिर वो अच्छी हो या खराब। मुझे लगता है कि भारतीय कहानियों या आम लोगों से संबंधित विषय को आप जब अच्छे कलाकारों के साथ बनाएंगे तो वह चलेंगी ही। आप जब अजीब सी कहानियों को केवल बॉलीवुड कलाकारों के बच्चों के साथ ही बनाएंगे तो वह कहानी कैसे चलेगी? आम दर्शकों को अब ऐसी कहानियों का लोभ ही नहीं रह गया है।”

–आईएएनएस

एमटी/केआर


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