सिडनी, 17 मार्च (आईएएनएस)। ऑस्ट्रेलियाई वैज्ञानिकों ने कैंसर से बचाव से जुड़ी एक नई प्रक्रिया खोजी है, जो टेलोमेयर नामक संरचनाओं पर केंद्रित है। टेलोमेयर गुणसूत्रों (क्रोमोसोम) के सिरे पर मौजूद सुरक्षात्मक आवरण होते हैं, जो कोशिकाओं को कैंसर से बचाने में मदद कर सकते हैं।
टेलोमेयर उम्र बढ़ने और कैंसर रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उम्र बढ़ने के साथ, ये धीरे-धीरे छोटे होते जाते हैं। जब टेलोमेयर बहुत छोटे हो जाते हैं, तो वे कोशिकाओं को विभाजन रोकने का संकेत देते हैं। यह एक प्राकृतिक सुरक्षा प्रक्रिया है, जो कैंसर को फैलने से रोकती है। न्यूज एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, यह जानकारी सिडनी स्थित चिल्ड्रन मेडिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट (सीएमआरआई) के एक अध्ययन में सामने आई है।
सीएमआरआई के जीनोम इंटेग्रिटी यूनिट के टोनी सेसारे के अनुसार, “हमारे डेटा से पता चलता है कि टेलोमेयर बहुत ज्यादा सक्रिय होते हैं। वे स्ट्रेस पर तुरंत प्रतिक्रिया दे सकते हैं और उम्र बढ़ने जैसी दिखने वाली सेलुलर प्रतिक्रिया को शुरू कर देते हैं। वे ऐसा कैंसर से बचने के लिए करते हैं।”
इस शोध में, सेसारे और उनकी टीम ने जापान के क्योटो विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों के साथ मिलकर यह समझने का प्रयास किया कि टेलोमेयर कैंसर से बचाव में सक्रिय भूमिका कैसे निभाते हैं। यह अध्ययन नेचर कम्युनिकेशंस नामक पत्रिका में प्रकाशित हुआ है।
टोनी सेसारे के अनुसार, “अधिकतर लोग मानते हैं कि टेलोमेयर सिर्फ निष्क्रिय रूप से छोटे होते जाते हैं। लेकिन हमारा शोध बताता है कि वे सक्रिय रूप से कोशिकाओं की सुरक्षा भी करते हैं।”
टेलोमेयर कोशिका चक्र को रोककर या कोशिकाओं को खुद से मरने के लिए प्रेरित करके, उन कोशिकाओं को नष्ट करने में मदद करते हैं जिनमें गुणसूत्र क्षतिग्रस्त हो जाते हैं। इस खोज से टेलोमेयर का एक नया कैंसर-रोधी कार्य सामने आया है, जो पहले ज्ञात नहीं था।”
सेसारे के अनुसार, इस खोज से कैंसर के नए उपचारों की राह खुल सकती है। यदि टेलोमेयर को लक्षित कर कैंसर कोशिकाओं को नष्ट कराया जाए, तो यह एक प्रभावी उपचार रणनीति बन सकती है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, 2022 में लगभग 2 करोड़ नए कैंसर मामलों का पता चला और 97 लाख लोगों की इस बीमारी से मृत्यु हुई। आंकड़ों के अनुसार, प्रत्येक 5 में से 1 व्यक्ति को जीवनकाल में कैंसर होने की संभावना रहती है, जबकि लगभग हर 9 पुरुषों में से 1 और हर 12 महिलाओं में से 1 इस बीमारी से जान गंवा देता है।
–आईएएनएस
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