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नई दिल्ली, 7 दिसंबर (आईएएनएस)। सैट यानी प्रतिभूति अपीलीय न्यायाधिकरण (एसएटी) ने आईआईएफएल सिक्योरिटीज को दो साल की अवधि के लिए नए ग्राहक लेने से रोकने वाले भारतीय प्रतिभूति विनिमय बोर्ड (सेबी) के आदेश को रद्द कर दिया है और ब्रोकरेज फर्म पर लगाए गए 20 लाख रुपये जुर्माने को घटाकर करोड़ रुपये कर दिया है।
एसएटी ने 7 दिसंबर को जारी एक आदेश में कहा, “ग्राहकों के धन का कोई दुरुपयोग नहीं हुआ है और 2016 के सर्कुलर के अनुसार बैंक गारंटी के गैर-वित्त पोषित हिस्से को गलत मानकर यह दिखाने का प्रयास किया गया है कि ग्राहक निधियों का दुरुपयोग हुआ है, जो, हमारी राय में स्पष्ट रूप से गलत है।”
सैट ने यह भी कहा : “उपरोक्त के कारण, मध्यस्थ विनियमों के तहत अपीलकर्ता को दो साल की अवधि के लिए नए ग्राहक लेने से रोकने के डब्ल्यूटीएम के निर्देश को बरकरार नहीं रखा जा सकता।”
ट्रिब्यूनल ने अपने आदेश में ब्रोकरेज पर लगाया गया जुर्माना भी 1 करोड़ रुपये से घटाकर 20 लाख रुपये कर दिया था। प्रतिभूति अनुबंध (विनियमन) अधिनियम (एससीआरए) की धारा 23 डी के तहत ब्रोकरेज पर लगाए गए 1 करोड़ रुपये के जुर्माने पर सैट के आदेश में कहा गया है : “चूंकि हमने पहले ही माना है कि ग्राहकों के धन का कोई दुरुपयोग नहीं हुआ है और तब से अपीलकर्ता की ओर से ग्राहक के धन को अलग करने में कोई विफलता नहीं है और न ही अपीलकर्ता द्वारा ग्राहक के धन का अपने उद्देश्यों के लिए दुरुपयोग किया गया है, इसलिए एससीआरए की धारा 23 डी के तहत कोई जुर्माना नहीं लगाया जा सकता।”
–आईएएनएस
एसजीके
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