Saturday, December 13, 2025

यूपी में 52 वेटलैंड्स, 4 टाइगर रिजर्व और 10 रामसर साइट्स को विश्वस्तरीय मॉडल में बदलने का रोडमैप तैयार


लखनऊ, 12 दिसंबर (आईएएनएस)। पर्यटन निदेशालय, गोमती नगर में उत्तर प्रदेश में इको-टूरिज्म को नई दिशा देने के उद्देश्य से पर्यटन एवं वन विभाग की संयुक्त उच्च स्तरीय बैठक संपन्न हुई। बैठक में प्रदेश के 4 टाइगर रिजर्व, 10 रामसर साइट्स और 52 चिह्नित वेटलैंड्स को एकीकृत पर्यटन मॉडल के रूप में विकसित करने का विस्तृत ब्लूप्रिंट तैयार किया गया। राज्य सरकार ने स्पष्ट किया कि अगले दो वर्षों में यूपी को ‘नेशनल वाइल्ड लाइफ टूरिज्म हब’ के रूप में स्थापित किया जाएगा। इसकी अध्यक्षता पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह और राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) वन एवं पर्यावरण विभाग अरुण कुमार सक्सेना ने की।

बैठक में दोनों मंत्रियों ने माना कि उत्तर प्रदेश के पास विशाल प्राकृतिक विरासत है, जिसे योजनाबद्ध विकास के साथ राष्ट्रीय स्तर के पर्यटन आकर्षण में बदला जा सकता है। जयवीर सिंह ने कहा कि पर्यटन का भविष्य जिम्मेदार और स्थायी विकास पर आधारित होगा और वन विभाग का सहयोग इसमें निर्णायक रहेगा। बैठक में दुधवा, पीलीभीत, अमानगढ़ और रानीपुर टाइगर रिजर्व में नई पर्यटक सुविधाओं की व्यवस्था पर विस्तार से चर्चा हुई। इनमें नेचर ट्रेल, सुदृढ़ वॉच टावर, ईको–कॉटेज, व्यूइंग डेक, सफारी मार्गों का उन्नयन और डिजिटल इंटरप्रिटेशन बोर्ड लगाने जैसी योजनाएं शामिल हैं।

इसी तरह 10 रामसर साइट्स—नवाबगंज, पार्वती आर्गा, समान, समसपुर, सांडी, सरसई नावर, सूर सरोवर, ऊपरी गंगा नदी विस्तार, बखिरा और हैदरपुर—में आधारभूत संरचना को सुधाकर अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप तैयार करने का निर्णय लिया गया। प्रदेश के 52 वेटलैंड्स को ‘वन डिस्ट्रिक्ट-वन वेटलैंड’ मॉडल पर विकसित करने की योजना पर सहमति बनी। इसके तहत स्थानीय समुदायों को गाइड, हॉस्पिटैलिटी, कैंटीन, पर्यटन सेवाएं और कारीगरी के माध्यम से रोजगार से जोड़ा जाएगा। बैठक में बताया गया कि इससे इको-टूरिज्म के साथ-साथ वेटलैंड संरक्षण को भी मजबूती मिलेगी।

एनसीआर से सटे ओखला बर्ड सैंक्चुअरी और सूरजपुर पक्षी विहार में सुविधाओं के विस्तार का प्रस्ताव भी रखा गया, जिसे पर्यटन मंत्री ने मंजूरी दी। इन दोनों स्थलों पर देश-विदेश के पर्यटकों की संख्या बढ़ने के मद्देनजर साइनेज, वॉकवे, टिकटिंग सिस्टम और पार्किंग के उन्नयन की योजना तैयार की जाएगी। यह भी तय हुआ कि भविष्य में किसी रामसर साइट पर बर्ड फेस्टिवल का आयोजन किया जाएगा, जिससे अंतरराष्ट्रीय बर्ड-वॉचर्स को आकर्षित किया जा सके।

चंदौली स्थित राजदरी-देवदरी जलप्रपात में ईको-टूरिज्म सुविधाओं के संचालन और रखरखाव पर भी चर्चा हुई। गोरखपुर प्राणी उद्यान में एम्फीथियेटर, कैंटीन और पार्किंग के विकास की योजना भी बैठक में रखी गई। राज्य मंत्री अरुण सक्सेना ने कहा कि उत्तर प्रदेश के प्राकृतिक धरोहर को सुरक्षित रखते हुए उसे पर्यटन आकर्षण में बदलना सरकार की प्राथमिकता है। इको-टूरिज्म न केवल स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करेगा, बल्कि प्रकृति संरक्षण के प्रति सामूहिक भागीदारी भी बढ़ाएगा। अंत में दोनों विभागों ने सहमति जताई कि उत्तर प्रदेश आने वाले वर्षों में प्रकृति आधारित पर्यटन का राष्ट्रीय मॉडल बनाने के लिए दीर्घकालिक नीति पर काम करेगा।

–आईएएनएस

विकेटी/डीकेपी


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