Home देश रवनीत सिंह बिट्टू ने राहुल गांधी के बारे में सच बोला : गिरिराज सिंह

रवनीत सिंह बिट्टू ने राहुल गांधी के बारे में सच बोला : गिरिराज सिंह

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रवनीत सिंह बिट्टू ने राहुल गांधी के बारे में सच बोला : गिरिराज सिंह

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बेंगलुरु, 19 सितंबर (आईएएनएस)। केंद्रीय राज्य मंत्री और भाजपा नेता रवनीत सिंह बिट्टू के खिलाफ दर्ज हुई एफआईआर पर केंद्रीय कपड़ा मंत्री गिरिराज सिंह ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने आईएएनएस से बातचीत में कहा, “रवनीत सिंह बिट्टू ने राहुल गांधी को लेकर जो भी कहा है, वो बात 200 फीसदी सच है। कोई देशभक्त देश के बाहर जाकर गाली नहीं दे सकता है।”

केंद्रीय कपड़ा मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा, “इंदिरा गांधी के बारे में किसी सांसद ने कुछ कहा था तो तुरंत उसकी सदस्यता रद्द कर दी गई थी। उस समय के तत्कालीन मंत्री कमलापति त्रिपाठी ने कहा था कि देश के अंदर इंदिरा गांधी कांग्रेस की लीडर हैं और देश के बाहर वह भारत की लीडर हैं। आज वही स्थिति है, देश के बाहर नरेंद्र मोदी भी भारत के लीडर हैं।”

उन्होंने आगे कहा, “भारत, देश और लोकतंत्र को गाली देने का काम कोई देशद्रोही ही कर सकता है। राहुल गांधी ने भी देश को गाली दी है, उनकी भी सदस्यता रद्द होनी चाहिए।”

गिरिराज सिंह ने कर्नाटक की कांग्रेस सरकार पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा, “कर्नाटक की कांग्रेस सरकार यहां विकास के कोई काम नहीं कर रही है और केवल मुस्लिम तुष्टिकरण कर रही है। मुस्लिम तुष्टिकरण करने वाले ये लोग जान लें कि जब तक देश में सनातनी हैं, तब तक देश में लोकतंत्र सुरक्षित है। कांग्रेस का बस चले तो वह बांग्लादेशी घुसपैठियों का भी समर्थन कर दे। झारखंड इसका सीधा सा उदाहरण है, वहां 1952 में 44 फीसदी आदिवासी थे, मगर बांग्लादेशी घुसपैठियों के कारण उनकी संख्या 28 प्रतिशत रह गई है।”

उन्होंने कांग्रेस द्वारा ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ पर सवाल उठाए जाने पर भी पलटवार किया। उन्होंने कहा, “मल्लिकार्जुन खड़गे ने तो अपने दिल की बात बोल दी और कहा कि अगर 20 सीट ज्यादा आ गई होती तो वह नरेंद्र मोदी को जेल में डाल देते। राहुल गांधी की मानसिकता दर्शाती है कि वह इंदिरा गांधी की तरह तानाशाह हैं। आज वो बोल रहे हैं कि ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ मोदी का एजेंडा है।”

गिरिराज सिंह ने आगे कहा, “देश में जब भी चुनाव होता है तो लॉ एंड ऑर्डर की समस्या पैदा हो जाती है। चुनाव में अधिक खर्चे होते हैं और इसमें देश तथा गरीब का पैसा लगता है। क्या साल 1967 से पहले देश में ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ नहीं था। अगर उस समय था तो क्या वह गलत था? आज देश की जरूरत है, वन नेशन, वन इलेक्शन।”

–आईएएनएस

एफएम/एबीएम

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