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मुंबई, 2 दिसंबर (आईएएनएस)। ‘कभी-कभी’, ‘काला पत्थर’, ‘खल नायक’, ‘करण अर्जुन’ और अन्य फिल्मों के लिए मशहूर अभिनेत्री राखी गुलजार लंबे समय के बाद सिनेमा में वापसी कर रही है। अभिनेत्री को पिछली बार बंगाली सिनेमा में उनकी नाटकीय रिलीज ‘शुभो महूरत’ में देखा गया था, जिसे रितुपर्णो घोष ने निर्देशित किया था।
अभिनेत्री जल्द ही आगामी बंगाली फिल्म ‘अमर बॉस’ में दिखाई देंगी।
‘अमर बॉस’ जिसमें शिबोप्रसाद और श्राबंती चटर्जी भी हैं। यह नंदिता रॉय और शिबोप्रसाद मुखर्जी द्वारा निर्देशित है। फिल्म की शूटिंग 3 जनवरी से शुरू होने की उम्मीद है।
नंदिता रॉय ने राखी गुलज़ार के साथ काम करने को लेकर अपना उत्साह व्यक्त किया। उन्होंने कहा, “मैं राखी दी का बहुत सम्मान करती हूं और लंबे समय से उनके साथ काम करना चाहती थी। ‘अमर बॉस’ की कल्पना उन्हीं को ध्यान में रखकर की गई थी। हम उनके साथ काम करने का अवसर पाकर बहुत खुश हैं।”
शिबोप्रसाद ने कहा, “हम पिछले कुछ समय से राखी दी के संपर्क में हैं। उन्होंने हमारी ज्यादातर फिल्में देखी हैं और कहा कि उनकी पसंदीदा ‘हामी’ है। वह न सिर्फ एक बेहतरीन अभिनेत्री हैं, बल्कि एक जिंदादिल इंसान, सीधी बात करने वाली, जानवरों के प्रति प्यार रखने वाली इंसान हैं। उसके पास बहुत सारे गुण हैं जो वास्तव में मंत्रमुग्ध कर देने वाले हैं। हमें उनके साथ काम करने पर गर्व है।”
इससे पहले उन्हें गौतम हलदर की ‘निर्बान’ में देखा गया था, जिसने 2019 में कई फिल्म समारोहों में भाग लिया था, लेकिन फिल्म की नाटकीय रिलीज नहीं हुई थी। ‘निर्बाण’ को भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव के 50वें संस्करण के भारतीय पैनोरमा खंड में शामिल किया गया था और बाद में 2019 में कोलकाता अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में प्रदर्शित किया गया था।
कोलकाता अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (2019) के दौरान पनवेल में अपने शांत जीवन पर विचार करते हुए राखी ने गुमनाम रूप से कोलकाता जाने और स्थानीय बाजारों की खोज के अपने अनुभव साझा किए। उन्होंने चूजी होने के बारे में भी बात की, उन्होंने कहा, ”मैं तब सिनेमा में काम करती थी जब यह बहुत अलग था। लेकिन जिन निर्देशकों के साथ मैंने काम नहीं किया है, उनके साथ काम न कर पाने का मुझे कोई पछतावा नहीं है। मेरे पसंदीदा निर्देशक तपन सिन्हा हैं, जिस तरह से उन्होंने सभी के लिए फिल्में बनाईं, वह मुझे बहुत पसंद है। एक अभिनेत्री के तौर पर मेरा भी यही मानना है।”
–आईएएनएस
एमकेएस/सीबीटी
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