Home देश नया आपराधिक कानून: जांच अधिकारियों को महीने में मिलेगा एक ही बड़ा मामला, नवी मुंबई पुलिस की नई पहल

नया आपराधिक कानून: जांच अधिकारियों को महीने में मिलेगा एक ही बड़ा मामला, नवी मुंबई पुलिस की नई पहल

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नया आपराधिक कानून: जांच अधिकारियों को महीने में मिलेगा एक ही बड़ा मामला, नवी मुंबई पुलिस की नई पहल

नवी मुंबई, जुलाई 2 | पुलिस आयुक्त मिलिंद भारंबे ने कहा कि नए आपराधिक कानूनों में ई-शिकायत की सुविधा भी है। इससे ऐसी संभावना है कि जांच अधिकारियों को मामलों में दबाव का सामना करना पड़ सकता है, जिससे मामले लंबित हो सकते हैं।

महाराष्ट्र में नवी मुंबई के पुलिस आयुक्त मिलिंद भारंबे ने एक नई और महत्वपूर्ण योजना की घोषणा की है। उन्होंने बताया कि अब से एक जांच अधिकारी को हर महीने सिर्फ एक ही बड़ा मामला सौंपा जाएगा, ताकि जांच की गुणवत्ता और गहराई को सुनिश्चित किया जा सके।

पुलिस आयुक्त मिलिंद भारंबे ने बताया, “हमने यह निर्णय लिया है कि हर जांच अधिकारी को महीने में एक ही बड़ा मामला सौंपा जाएगा। यह कदम उठाने का हमारा उद्देश्य है कि हम हर केस में पूरी गंभीरता और तन्मयता के साथ जांच कर सकें। इससे हम जांच की गुणवत्ता को सुनिश्चित कर पाएंगे।”

उन्होंने आगे कहा कि उनकी टीम नए आपराधिक कानूनों के सफल कार्यान्वयन के लिए पूरी तरह तैयार है। “हमने अपने अधिकारियों को विशेष प्रशिक्षण दिया है ताकि वे नए आपराधिक कानूनों की जानकारी को सही तरीके से लागू कर सकें और न्यायिक प्रक्रिया को बेहतर बना सकें,” भारंबे ने स्पष्ट किया। हमारी कोशिश है कि हर मामले की जांच में पूरी पारदर्शिता और सटीकता हो। इससे ना सिर्फ मामले की गुणवत्ता बेहतर होगी, बल्कि पुलिस के प्रति जनता का विश्वास भी मजबूत होगा।”

बताया गया है कि नवी मुंबई के हर पुलिस स्टेशन में जांच अधिकारियों की संख्या को 50-60 प्रतिशत तक बढ़ा दिया गया है। इसके साथ ही, हर पुलिस स्टेशन के कर्मियों को विशेष प्रशिक्षण भी दिया गया है।

सोमवार से ही देशभर में नए आपराधिक कानून लागू हो चुके हैं, जिन्होंने ब्रिटिश काल के भारतीय दंड संहिता (IPC), आपराधिक प्रक्रिया संहिता (CrPC), और भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह ले ली है। इस बदलाव के साथ ही नवी मुंबई पुलिस ने अपने कर्मियों को विशेष प्रशिक्षण देना शुरू कर दिया है।

सोमवार से ही देशभर में नए आपराधिक कानून लागू हो चुके हैं, जिन्होंने ब्रिटिश काल के भारतीय दंड संहिता (IPC), आपराधिक प्रक्रिया संहिता (CrPC), और भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह ले ली है। इस बदलाव के साथ ही नवी मुंबई पुलिस ने अपने कर्मियों को विशेष प्रशिक्षण देना शुरू कर दिया है।

नए आपराधिक कानूनों के तहत, ब्रिटिश काल के कानूनों को बदलकर एक आधुनिक कानूनी ढांचा स्थापित किया गया है। नवी मुंबई के पुलिस आयुक्त मिलिंद भारंबे ने कहा, “हमारे देश में सोमवार से लागू हुए नए आपराधिक कानूनों ने भारतीय दंड संहिता, आपराधिक प्रक्रिया संहिता, और भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह ले ली है। यह एक ऐतिहासिक बदलाव है जो कानून के क्षेत्र में एक नई शुरुआत का प्रतीक है।”

मिलिंद भारंबे ने कहा, “नए आपराधिक कानूनों में ई-शिकायत की सुविधा भी है। इससे ऐसी संभावना है कि जांच अधिकारियों को मामलों में दबाव का सामना करना पड़ सकता है, जिससे मामले लंबित हो सकते हैं। ऐसे में अधिकारी किसी मामले में उचित न्याय नहीं कर पाएंगे।” उन्होंने आगे बताया कि मामले की गुणवत्ता जांच के लिए अधिकारियों को अधिक समय की जरूरत होती है।

भारंबे ने बताया कि नवी मुंबई पुलिस ने नए आपराधिक कानून लागू होने से पहले ही वैज्ञानिक साक्ष्य संग्रह प्रणाली का पालन करना शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा कि नवी मुंबई पुलिस ने ‘यथार्थ’ प्रणाली शुरू की है। इसके तहत सबूतों के साथ छेड़छाड़ से बचने के लिए जांच के हिस्से के रूप में पीड़ितों और घटनास्थल की वीडियो रिकॉर्डिंग की जाती है। इसके अलावा नवी मुंबई पुलिस के पास आई बाइस और आई कार की भी सुविधा है।

 

केसरिया न्यूज़