Saturday, March 15, 2025

अमेरिका में खसरे का खतरा : इस साल अब तक 300 से ज्यादा मामले दर्ज


न्यूयॉर्क, 15 मार्च (आईएएनएस)। अमेरिका में खसरे के मामले काफी तेजी से बढ़ रहे हैं। अमेरिका में इस साल अब तक खसरे के कुल 301 मामलों की पुष्टि हो चुकी है। यह जानकारी अमेरिका के रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (सीडीसी) द्वारा जारी ताजा आंकड़ों में दी गई है।

खसरे के ये मामले 15 अलग-अलग अमेरिकी क्षेत्रों से सामने आए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, अब तक 50 मरीजों को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा है, जबकि दो लोगों की मौत हो चुकी है। टेक्सास में जनवरी से खसरे के मामलों में तेजी देखी गई है। वहां शुक्रवार तक 259 मामलों की पुष्टि हुई थी, जिनमें से 34 मरीजों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

टेक्सास डिपार्टमेंट ऑफ स्टेट हेल्थ सर्विसेज ने इसे लेकर चेतावनी जारी की है। जिसके मुताबिक अत्यधिक संक्रामक बीमारी खसरे का प्रकोप तेजी से बढ़ रहा है और आने वाले दिनों में इसकी संख्या और बढ़ सकती है।

बता दें कि खसरा एक अत्यधिक संक्रामक वायरल संक्रमण है, जो खांसने या छींकने से हवा के माध्यम से फैलता है। इसके सामान्य लक्षणों में बुखार, खांसी, नाक बहना, लाल आंखें और पूरे शरीर पर फैलने वाला दानेदार लाल चकत्ता शामिल हैं। गंभीर मामलों में खसरा निमोनिया, दिमाग में सूजन (एन्सेफलाइटिस) और यहां तक कि मौत का कारण भी बन सकता है।

सीडीसी ने कहा कि खसरे से बचाव का सबसे प्रभावी तरीका टीकाकरण है। एमएमआर (मीजल्स, मम्प्स, रूबेला) वैक्सीन की दो डोज इस बीमारी को रोकने में अत्यधिक प्रभावी मानी जाती हैं।

इसके अलावा यूरोप में भी 2024 में खसरे के मामलों में भारी वृद्धि दर्ज की गई। वहां 1,27,350 मामले सामने आए, जो 2023 की तुलना में दोगुने हैं और 1997 के बाद सबसे अधिक हैं।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) और संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनिसेफ) की रिपोर्ट के अनुसार, यूरोपीय क्षेत्र में दुनिया के कुल खसरा मामलों का एक तिहाई दर्ज हुआ। इन 53 देशों वाले क्षेत्र (यूरोप) में रिपोर्ट किए गए कुल मामलों में से 40 प्रतिशत से अधिक पांच साल से कम उम्र के बच्चों में पाए गए।

रिपोर्ट के अनुसार, खसरा संक्रमित आधे से ज्यादा लोगों को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा और अब तक 38 मौतों की पुष्टि हो चुकी है। 1997 में यूरोप में खसरे के 2,16,000 मामले दर्ज हुए थे, लेकिन 2016 तक यह संख्या घटकर 4,440 रह गई थी। हालांकि, 2018 और 2019 में इसमें फिर वृद्धि हुई और क्रमशः 89,000 और 1,06,000 मामले दर्ज किए गए।

-–आईएएनएस

डीएससी/केआर


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