भोपाल, 4 मार्च (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश के गौरवशाली इतिहास को याद दिलाने के लिए राजधानी में महापुरुषों के नाम पर द्वार बनाए जाएंगे। यह घोषणा करते हुए मुख्यमंत्री मोहन यादव ने बताया कि यह फैसला सरकार ने लिया है।
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा है कि मध्य प्रदेश और राजधानी भोपाल की पहचान वीर शासकों से रही है। लगभग दो हजार एक साल पहले सम्राट विक्रमादित्य ने चक्रवर्ती सम्राट के तौर पर शासन किया। उनके शासन की न्याय, वीरता, ज्ञान, दान, धैर्य, पुरुषार्थ और पराक्रम जैसे कई गुणों से अलग ही पहचान रही है।
इसी तरह उनके एक हजार साल बाद अद्वितीय शासक रहे हैं राजाभोज, जिनके कारण भोपाल की अलग ही पहचान है। बड़ा तालाब से लेकर उनकी कई रचनाएं आज भी इतिहास को जीवन करती दिखती हैं। महापुरुषों की याद को चिरस्थाई बनाने के लिए किए जाने वाले प्रयासों का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री यादव ने कहा कि हमारी सरकार ने तय किया है कि राजधानी का गौरवशाली अतीत है, उस अतीत को सामने लाने की आवश्यकता है, इसलिए राजधानी के प्रमुख मार्गों पर ऐसे महापुरुषों राजा भोज, विक्रमादित्य आदि के नाम पर द्वार बनाए जाएंगे, जिससे भोपाल और मध्य प्रदेश का गौरवशाली इतिहास हमें उस दौर में ले जाए, जिसके कारण मध्य प्रदेश और देश गौरवान्वित हुआ है।
राजधानी के मंत्रालय में मंत्री परिषद की बैठक हुई। इस बैठक में मुख्यमंत्री मोहन यादव को मंत्रीगण ने भगवान श्री राम की प्रतिमा भेंट कर ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के सफल और उपलब्धि पूर्ण आयोजन के लिए उनका अभिवादन किया। मंत्री परिषद की बैठक से पहले मंत्रीगण द्वारा अंगवस्त्रम भेंट कर अभिनंदन किया गया।
मुख्यमंत्री यादव ने अभी हाल ही में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं। किसानों से 26 सौ रुपए प्रति क्विंटल के मान से गेहूं की खरीदी की जाएगी। धान उत्पादक किसानों को चार हजार रुपए प्रति हेक्टेयर के मान से राशि दी जाएगी। सोलर पंप लगाने की योजना को अमली जामा पहनाया जा रहा है।
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