Monday, March 10, 2025

ईरान ने कभी परिमाणु हथियार बनाने की कोशिश नहीं की : राष्ट्रपति पेजेशकियन


तेहरान, 10 मार्च (आईएएनएस) ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन ने दोहराया कि ईरान ने कभी भी परमाणु हथियार बनाने की कोशिश नहीं की है। उन्होंने सर्वोच्च नेता अली खामेनेई के धार्मिक आदेश का हवाला दिया, जिसमें ऐसे हथियारों पर प्रतिबंध लगाया गया है।

समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, पेजेशकियन ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम की शांतिपूर्ण प्रकृति की पुष्टि के लिए अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) के साथ चल रहे सहयोग का जिक्र किया।

ईरानी राष्ट्रपति कार्यालय की ओर से जारी एक बयान के अनुसार, पेजेशकियन ने यह टिप्पणी नॉर्वे के प्रधानमंत्री जोनास गहर स्टोरे के साथ फोन पर बातचीत के दौरान की। उन्होंने द्विपक्षीय संबंधों और क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा की।

ईरानी राष्ट्रपति ने इजरायल पर क्षेत्रीय तनाव की मुख्य वजह होने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि तेल अवीव ईरान की परमाणु गतिविधियों को सुरक्षा के लिए खतरा बताने के लिए मनगढ़ंत दावे करता है।

पेजेशकियन ने यह भी कहा कि ईरान तनाव और संघर्ष को नुकसानदेह मानता है, लेकिन वह अपनी सुरक्षा और हितों के खिलाफ किसी भी खतरे का मजबूती से जवाब देगा। उन्होंने ईरान और नॉर्वे के बीच सकारात्मक संबंधों की प्रशंसा की।

ईरानी बयान के अनुसार, नॉर्वे के प्रधानमंत्री ने ईरान के साथ सौहार्दपूर्ण संबंध बनाए रखने की ओस्लो की इच्छा व्यक्त की और पश्चिम एशिया क्षेत्र में मुद्दों के शांतिपूर्ण समाधान का स्वागत किया और इस संबंध में समर्थन की पेशकश की।

बता दें अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को कहा कि वह ईरान के साथ उसके परमाणु मुद्दे पर बातचीत करना चाहते हैं और उन्होंने गुरुवार को ईरानी नेतृत्व को एक पत्र भेजा है।

वहीं ईरान के सर्वोच्च नेता अली खामेनेई ने शनिवार को कहा कि कुछ ‘धमकाने वाली’ शक्तियों की तरफ से बातचीत पर जोर देने का मकसद मुद्दों को हल करना नहीं, बल्कि इस्लामी गणराज्य पर अपनी मांगें थोपना है।

खामेनेई के कार्यालय की ओर से जारी फुटेज के अनुसार, खामेनेई ने यह टिप्पणी शनिवार को तेहरान में सरकारी अधिकारियों के साथ बैठक के दौरान की। उनका यह बयान ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर बातचीत के लिए विशेष रूप से अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के अपील का जवाब था।

ईरानी नेता ने कहा, “उनकी बातचीत मुद्दों को सुलझाने के लिए नहीं, बल्कि दूसरे पक्ष पर अपना प्रभुत्व जमाने और अपनी इच्छाएं थोपने के लिए है।”

–आईएएनएस

एमके/


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