नई दिल्ली, 27 मार्च (आईएएनएस)। देश में ऑटो सेक्टर को बढ़ाने के लिए लाई गई प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) स्कीम के तहत कंपनियों ने (दिसंबर 2024) तक नई उत्पादन क्षमताएं और टेक्नोलॉजी अपग्रेड में 25,219 करोड़ रुपये के निवेश का वादा किया है। इससे देश में 38,186 रोजगार के अवसर पैदा होंगे।
भारी उद्योग मंत्रालय ने जारी बयान में कहा कि टाटा मोटर्स और महिंद्रा एंड महिंद्रा ने ईवी प्रोडक्शन क्षमता में बड़े निवेश का ऐलान किया है।
पीएलआई ऑटो स्कीम के तहत दिसंबर 2024 तक 15,230 करोड़ रुपये की बिक्री दर्ज की गई है। कंपनियों को पीएलआई के तहत दिए जाने वाले इंसेंटिव के रूप में 322 करोड़ रुपये दिए गए हैं।
साथ ही, इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) और क्रिटिकल कंपोनेंट जैसे सेक्टर्स की बिक्री में मजबूती देखी गई है। उदाहरण के लिए, ईवी सेक्टर में नए मॉडल पेश किए जाने से बिक्री में वृद्धि हुई है।
मंत्रालय ने कहा, “इस स्कीम से मैन्युफैक्चरिंग, आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन, आरएंडडी में हजारों प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष नौकरियां पैदा हुई हैं।”
पीएलआई-ऑटो स्कीम भारत के ऑटोमोटिव मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम को बढ़ाने, आयात पर निर्भरता कम करने और घरेलू उद्योग को वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में एकीकृत करने में परिवर्तनकारी भूमिका निभा रही है।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 15 सितंबर, 2021 को 25,938 करोड़ रुपये के बजटीय परिव्यय के साथ ऑटोमोबाइल और ऑटो कंपोनेंट के लिए पीएलआई योजना को मंजूरी दी है।
पीएलआई-ऑटो स्कीम का उद्देश्य मैन्युफैक्चरिंग के लिए उद्योग की लागत संबंधी बाधाओं को दूर करना और भारत में एडवासंड ऑटोमोटिव टेक्नोलॉजी (एएटी) उत्पादों की घरेलू मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देना है।
पीएलआई ऑटो स्कीम उद्योग की आवश्यकता के अनुरूप लाई गई है। मंत्रालय ने पक्षकारों के साथ चर्चा के बाद 19 एएटी वाहनों और 103 एएटी कंपोनेंट की श्रेणियों को अधिसूचित किया है, जिन्हें इस योजना के तहत कवर किया जाएगा।
‘मेक इन इंडिया’ अभियान के तहत एडवांस ऑटोमोटिव प्रोडक्ट्स की घरेलू मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए लाई गई पीएलआई योजना में आवेदकों को प्रोत्साहन के लिए पात्र होने हेतु 50 प्रतिशत का घरेलू मूल्य संवर्धन (डीवीए) हासिल करना होगा।
–आईएएनएस
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