भुवनेश्वर, 11 मार्च (आईएएनएस)। ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने सोमवार को विधानसभा में कहा कि 2020 से राज्य भर के विभिन्न सरकारी, निजी स्कूलों और कॉलेजों में 72 छात्रों की आत्महत्या की घटनाएं सामने आई हैं।
सोमवार को कांग्रेस विधायक सोफिया फिरदौस के आत्महत्या से होने वाली मौतों की संख्या और छात्रों के लिए मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने के लिए राज्य सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए माझी ने यह जानकारी दी।
सोमवार को सीएम माझी ने बताया कि, “वर्ष 2020 से 2025 (28.02.2025 तक) के दौरान ओडिशा भर के सरकारी और निजी स्कूलों और कॉलेजों में कुल 72 छात्रों के आत्महत्या के मामले सामने आए हैं।”
माझी ने आगे अधिकारियों के पहचाने गए प्रमुख कारणों को बताया, जो भोले-भाले युवा छात्रों को अपना जीवन समाप्त करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने खुलासा किया कि स्कूल के छात्रावास में फोन के इस्तेमाल से मना करना, प्रेम संबंधों से उत्पन्न मुद्दे और परीक्षा और प्रेम संबंधों से संबंधित अवसाद छात्रों को आत्महत्या करने के लिए मजबूर करने वाले प्रमुख कारण हैं।
इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि शैक्षणिक तनाव, घर की याद और घर आने पर माता-पिता की पाबंदी, घरेलू कलह, मनोवैज्ञानिक समस्याएं, मानसिक असंतुलन और साथी छात्रों, स्कूल और कॉलेज अधिकारियों आदि द्वारा उत्पीड़न छात्र आत्महत्या के लिए जिम्मेदार अन्य महत्वपूर्ण कारण हैं।
भुवनेश्वर में केआईआईटी विश्वविद्यालय में हाल ही में एक नेपाली छात्रा की आत्महत्या ने आरोपी साथी छात्रों द्वारा उत्पीड़न और शैक्षणिक संस्थानों के अधिकारियों की लापरवाही को उजागर किया।
छात्रों ने आरोप लगाया कि विश्वविद्यालय ने पीड़ित लड़की की उत्पीड़न की शिकायतों पर कोई ध्यान नहीं दिया।
राज्य सरकार ने हाल ही में खुलासा किया है कि जुलाई 2024 से ओडिशा सरकार के एसटी और एससी विकास विभाग द्वारा संचालित आवासीय विद्यालयों में 26 छात्रों की मौत हो चुकी है।
–आईएएनएस
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