Saturday, December 13, 2025

गुजरात के सीएम ने 13 लाख छात्रों को डीबीटी के जरिए 370 करोड़ रुपये की छात्रवृतियां दीं


गांधीनगर, 12 दिसंबर (आईएएनएस)। गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने शुक्रवार को राज्य की प्रमुख शिक्षा योजनाओं नमो लक्ष्मी, नमो सरस्वती विज्ञान साधना, मुख्यमंत्री ज्ञान साधना मेरिट स्कॉलरशिप और मुख्यमंत्री ज्ञान सेतु मेरिट स्कॉलरशिप के तहत आयोजित छात्रवृत्ति वितरण कार्यक्रम की अध्यक्षता की।

इस अवसर पर पूरे राज्य के 13 लाख से अधिक छात्रों को 370 करोड़ रुपये से अधिक की छात्रवृत्तियां डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) के माध्यम से सीधे उनके बैंक खातों में भेजी गईं।

गांधीनगर में आयोजित इस कार्यक्रम में उपमुख्यमंत्री हर्ष सांघवी, शिक्षा मंत्री डॉ. प्रद्युमनसिंह वाजा, राज्य मंत्री रिवाबा जाडेजा सहित कई गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे।

मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान ने देशभर में बालिकाओं की शिक्षा को नई गति दी है। उन्होंने याद किया कि किस प्रकार मोदी के गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए शुरू किए गए स्कूल प्रवेशोत्सव और कन्या केलवणी महोत्सव जैसे अभियानों ने राज्य की शिक्षा व्यवस्था को बदल दिया और परिवारों में बेटियों की पढ़ाई के प्रति नई जागरूकता पैदा की।

उन्होंने कहा कि गुजरात ने केजी से पीजी तक निरंतर और सुगम शिक्षा उपलब्ध कराने के प्रधानमंत्री मोदी के विज़न को पूरा किया है। शिक्षा को किसी राज्य और देश के विकास की नींव बताते हुए सीएम ने छात्रों से समर्पण के साथ ज्ञान अर्जित करने और भारतीय सांस्कृतिक मूल्यों के प्रति गर्व भाव रखने का आह्वान किया।

मुख्यमंत्री पटेल ने कहा कि युवा शक्ति आने वाले वर्षों में विकसित गुजरात, आत्मनिर्भर गुजरात, विकसित भारत और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

पिछले दो दशकों में गुजरात की शिक्षा अवसंरचना में तेज़ी से विस्तार हुआ है। स्कूल से लेकर उच्च शिक्षा तक राज्य ने मजबूत तंत्र तैयार किया है। स्कूल प्रवेशोत्सव, उन्नत कक्षाएं, डिजिटल टूल्स, स्मार्ट स्कूल, बेहतर शिक्षक भर्ती और कौशल आधारित शिक्षा के माध्यम से गुणवत्तापूर्ण पहुंच सुनिश्चित की गई है।

उच्च शिक्षा स्तर पर भी राज्य में विश्वविद्यालयों, मॉडल कॉलेजों, स्किल यूनिवर्सिटीज़ और विशेष इंजीनियरिंग–मेडिकल–रिसर्च संस्थानों का सशक्त नेटवर्क विकसित किया गया है। नमो लक्ष्मी, नमो सरस्वती और विभिन्न मेरिट स्कॉलरशिप योजनाओं ने विशेष रूप से बालिकाओं की शिक्षा में निरंतरता और पहुंच बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई है।

हॉस्टल सुविधाओं, एसटीईएम लैब, व्यावसायिक प्रशिक्षण और पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप के बढ़ते निवेशों ने शिक्षा को उद्योगोन्मुख और समावेशी बनाने में योगदान दिया है।

–आईएएनएस

डीएससी


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