नई दिल्ली, 10 मार्च (आईएएनएस)। भारत में कमर्शियल वाहन (सीवी) इंडस्ट्री की होलसेल वॉल्यूम में वित्त वर्ष 2025-26 में सालाना आधार पर 3-5 प्रतिशत की वृद्धि देखने को मिल सकती है, जो कि इस सेगमेंट में मजबूत रिकवरी को दिखाता है। यह जानकारी सोमवार को जारी हुई रिपोर्ट में दी गई।
आईसीआरए की रिपोर्ट में बताया गया कि वित्त वर्ष 25 में सीवी सेगमेंट में वॉल्यूम सपाट रहा है। इसकी वजह लोकसभा चुनावों के कारण मांग में धीमापन आना था।
इंडस्ट्री आउटलुक पर आईसीआरए की वरिष्ठ वाइस प्रेसिडेंट, किंजल शाह ने कहा, कि निर्माण और बुनियादी ढांचे की गतिविधियों में तेजी आना, स्थिर ग्रामीण मांग के साथ-साथ पुरानी हो चुकी फ्लीट के कारण अधिक प्रतिस्थापन बिक्री के चलते इंडस्ट्री वॉल्यूम में वित्त वर्ष 25 के अंत और फिर वित्त वर्ष 26 के दौरान बढ़त देखने को मिल सकती है।
आईसीआरए को उम्मीद है कि घरेलू सीवी उद्योग के लिए दीर्घकालिक विकास कारक बरकरार रहेंगे। हाल के बजटीय आवंटन में उच्च बुनियादी ढांचा पूंजी परिव्यय से बुनियादी ढांचे के विकास में निरंतर वृद्धि, खनन गतिविधियों में लगातार वृद्धि और सड़कों/राजमार्ग कनेक्टिविटी में सुधार से भविष्य में वॉल्यूम को समर्थन मिलने की उम्मीद है।
रिपोर्ट में आगे कहा गया कि प्रतिस्थापन मांग भी अच्छी बनी रहेगी, जिसका मुख्य कारण मध्यम एवं भारी वाणिज्यिक वाहनों (एमएंडएचसीवी) का पुराना होना है और इसके लगभग 10 वर्ष पुराना होने का अनुमान है। इससे मध्यम अवधि में उद्योग के विस्तार में सहायता मिलने की उम्मीद है।
इन सभी कारणों के चलते एमएंडएचसीवी (ट्रक) की थोक वॉल्यूम वित्त वर्ष 26 में 3 प्रतिशत से अधिक बढ़ सकती हैं। वित्त वर्ष 25 में यह सपाट रहा या इसमें मामूली गिरावट देखने को मिली थी।
रिपोर्ट में आगे कहा गया कि माल ढुलाई दरों में वृद्धि से उद्योग की मांग की संभावनाओं को समर्थन मिलने की संभावना है।
–आईएएनएस
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