[ad_1]
बीजिंग, 14 दिसंबर (आईएएनएस)। ‘मकाओ में तिब्बती तेल चित्रों की पहली प्रदर्शनी’ बुधवार को मकाओ मछुआरे के घाट में लिस्बन गैलरी में शुरू हुई। प्रदर्शनी में 27 तिब्बती तेल चित्रकारों की 52 प्रतिनिधि कृतियां प्रदर्शित की गई हैं, जिनमें से प्रत्येक अपनी अनूठी शैली और विविध विषयों के साथ है।
ये पेंटिंग समाजवादी आधुनिकीकरण के तहत नए तिब्बत की झलक पेश करती है, जैसा कि कलाकारों की आंखों से देखा जा सकता है। इन मनोरम तेल चित्रों के माध्यम से, दर्शक पवित्र पहाड़ों और झीलों के लुभावने प्राकृतिक दृश्यों में डूब सकते हैं, तिब्बती लोगों की पवित्रता और सादगी का अनुभव कर सकते हैं और समृद्ध सांस्कृतिक रीति-रिवाजों का पता लगा सकते हैं।
तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के साहित्यिक और कला मंडल संघ के उपाध्यक्ष त्वान शंगछ्येन ने तिब्बती तेल चित्रकला कला के महत्व पर जोर दिया। यह न केवल लोगों के लिए तिब्बत को समझने के प्रवेश द्वार के रूप में कार्य करता है, बल्कि चीनी राष्ट्रीय भावना और तिब्बती संस्कृति के प्रतीक के रूप में भी कार्य करता है। यह कलात्मक परिदृश्य का एक अभिन्न अंग बन गया है।
त्वान के मुताबिक, इस प्रदर्शनी का उद्देश्य तिब्बत और मकाओ के बीच गहरे सांस्कृतिक आदान-प्रदान और एकीकरण को बढ़ावा देना है, साथ ही दुनिया में तिब्बती उत्कृष्ट कलाकृतियों को बढ़ावा देना भी है। अंततः यह पठार पर रहने वाले लोगों के जीवन में परिवर्तनकारी परिवर्तनों को प्रदर्शित करना चाहता है।
मकाओ ललित कलाकार संघ के अध्यक्ष लिन यिंग ने 1980 के दशक से तिब्बत और मकाओ के कला समूहों के बीच लंबे समय से चले आ रहे कलात्मक आदान-प्रदान पर प्रकाश डाला। मकाओ के मातृभूमि में वापस लौटने के बाद से ये पारस्परिक आदान-प्रदान और भी अधिक बार हो गए हैं।
लिन यिंग ने प्रदर्शनी में भाग लेने वाले तिब्बती कलाकारों के प्रति आभार व्यक्त किया और इस बात पर जोर दिया कि इसने तिब्बत और मकाओ के बीच कलात्मक आदान-प्रदान के लिए एक मजबूत पुल सफलतापूर्वक स्थापित किया है। बता दें कि यह प्रदर्शनी 13 से 18 दिसंबर तक चलेगी।
(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)
–आईएएनएस
[ad_2]