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कोलकाता, 10 नवंबर (आईएएनएस)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) पश्चिम बंगाल में स्कूल में नौकरी के लिए करोड़ों रुपये नकद मामले के मुख्य आरोपी सुजय कृष्ण भद्र की आवाज का नमूना परीक्षण करने के लिए दक्षिण कोलकाता में राज्य संचालित मेडिकल कॉलेज और अस्पताल एसएसकेएम से हरी झंडी मिलने में देरी को लेकर फिर से कलकत्ता उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने पर विचार कर रहा है।
सूत्रों ने कहा कि 6 नवंबर को ईडी ने एसएसकेएम अधिकारियों को एक ताजा विज्ञप्ति भेजकर भद्रा की आवाज का नमूना परीक्षण करने के लिए समय मांगा था।
सूत्रों ने बताया कि एसएसकेएम अधिकारियों ने आखिरकार केंद्रीय एजेंसी की विज्ञप्ति का जवाब दे दिया है। जवाब में, सूत्रों ने कहा, एसएसकेएम अधिकारियों ने कहा था कि केवल मेडिकल बोर्ड ही इस मामले में निर्णय ले सकता है और मामले में आरोपी की चिकित्सा स्थिति मुख्य विचार का कारक होगी।
ईडी के अधिकारियों को लगता है कि चूंकि इन सभी जटिलताओं के कारण आवाज के नमूने लेने की प्रक्रिया में देरी होगी और इसके बाद स्कूल नौकरी मामले में पूरी जांच प्रक्रिया में भी देरी होगी, इसलिए इस मामले में कलकत्ता उच्च न्यायालय को अपडेट करने का समय आ गया है। अदालत ने केंद्रीय एजेंसी को 31 दिसंबर तक मामले की जांच खत्म करने का निर्देश दिया है।
हालांकि कोलकाता की एक विशेष अदालत ने केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों को अस्पताल में भद्रा की आवाज का नमूना परीक्षण करने के लिए अधिकृत किया है, लेकिन अदालत ने कहा कि परीक्षण केवल वहां के डॉक्टरों की अनुमति के बाद ही किया जा सकता है।
यह वही जगह है जहां पिछले महीने 26 अक्टूबर को ईडी अधिकारियों द्वारा परीक्षण आयोजित करने का पिछला प्रयास विफल रहा था। हालांकि ईडी के अधिकारी इसके लिए उक्त अस्पताल पहुंचे, लेकिन उन्हें अनुमति नहीं दी गई और उन्हें खाली हाथ लौटना पड़ा, क्योंकि अस्पताल की मेडिकल टीम ने इसके लिए अनुमति देने से इनकार कर दिया था। अनुमति इस आधार पर देने से इनकार कर दिया गया कि भद्रा वॉयस सैंपल टेस्ट का तनाव सहन करने की स्थिति में नहीं हैं। भद्रा को हाल ही में गहन चिकित्सा इकाई से अस्पताल के कार्डियोलॉजी विभाग के तहत एक केबिन में स्थानांतरित किया गया है।
–आईएएनएस
सीबीटी
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