Friday, November 22, 2024

धर्म के आधार पर आरक्षण देकर देश को फिर से बंटवारे की तरफ ले जा रही कांग्रेस : असीम अरुण


नई दिल्ली, 1 मई (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार के वर्तमान मंत्री और आईपीएस अधिकारी रह चुके असीम अरुण ने कांग्रेस पर देश को एक बार फिर से बंटवारे की ओर ले जाने का आरोप लगाया है।

भाजपा राष्ट्रीय मुख्यालय में आईएएनएस द्वारा पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए असीम अरुण ने कांग्रेस के साथ-साथ सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव पर भी जमकर निशाना साधा।

उत्तर प्रदेश के कन्नौज सदर से विधायक असीम अरुण ने कहा कि भाजपा ने लगातार संविधान की रक्षा की है और ये सब जानते हैं। जहां तक अखिलेश यादव की बात है वह बहुत डरते और सकुचाते हुए अंतिम समय में कन्नौज से लड़ने आए। लेकिन पीडीए यानी पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक की बात करने वाले अखिलेश यादव बताएं कि क्या यह देश सिर्फ बंटवारे की राजनीति पर चलेगा ? क्या उनको सिर्फ 3 ही जातियों का वोट चाहिए ? क्या वह सिर्फ 3 ही जाति के सांसद बनेंगे ? क्या बाकी लोगों को उन्होंने छोड़ दिया ?

उन्होंने कहा कि इसके बजाय भाजपा सबका साथ-सबका विकास की बात करती है। हम हर धर्म, हर जाति और हर संप्रदाय के लोगों के पास हर मोहल्ले में जाते हैं और हर घर जाकर वोट मांगते हैं। भाजपा कभी भी बंटवारे की राजनीति नहीं करती।

असीम अरुण ने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि यह झूठा नैरेटिव फैलाया जा रहा है कि भाजपा संविधान को बदलने वाली है और आरक्षण को खत्म करने जा रही है। इसके लिए काट-छांटकर एआई की मदद से फर्जी वीडियो बनाया जा रहा है जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह बार-बार यह कह चुके हैं कि बाबा साहेब अंबेडकर द्वारा बनाए गए संविधान को कोई बदल नहीं सकता और जब तक भाजपा की सरकार है कोई भी आरक्षण नहीं छीन सकता।

उन्होंने कहा कि बाबा साहेब ने जो संविधान बनाया, उसकी मूल संरचना को बदलने का अधिकार किसी को नहीं है। मूल संरचना को क्षति पहुंचाए बिना संविधान के अंदर बदलाव किया जा सकता है और भाजपा ने उसका बहुत ही सकारात्मक उपयोग किया है। भाजपा ने नारी शक्ति वंदन अधिनियम के जरिए महिलाओं को आरक्षण देकर संविधान को मजबूत और सामाजिक न्याय की परिकल्पना को आगे बढ़ाने का काम किया। जबकि इसके विपरीत, जब इंदिरा गांधी को एक मामले में हाई कोर्ट द्वारा अयोग्य करार दे दिया गया था और उनकी प्रधानमंत्री की कुर्सी जा रही थी, तब उन्होंने संविधान को बदलने का कुत्सित प्रयास किया था। उन्होंने संशोधन किया कि न्यायपालिका को राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, उपराष्ट्रपति, स्पीकर के चुनाव को चुनौती देने वाली याचिकाएं सुनने का अधिकार नहीं होगा और जब न्यायपालिका ने उन्हें रोक दिया तो उन्होंने देश में आपातकाल लगा दिया। इसके अलावा भी कांग्रेस ने कई बार संविधान को बदलने का प्रयास किया।

उन्होंने कहा, कर्नाटक में कांग्रेस ने संविधान में कुछ ऐसे परिवर्तन करने की कोशिश की है, जिसमें एससी, एसटी,ओबीसी के आरक्षण को मुस्लिम समाज को देने की कोशिश की। बाबा साहेब ने जो कल्पना की थी, वो वंचित समाज की थी, धर्म के आधार पर नहीं थी। जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 के कारण वहां के लोगों को आरक्षण का लाभ नहीं मिल रहा था। मोदी सरकार ने जब जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाया तब जाकर वहां आरक्षण का प्रावधान लागू हुआ। लेकिन कांग्रेस सत्ता में आने पर फिर से 370 वापस लागू करने की बात कह रही है।

–आईएएनएस

एसटीपी/एसकेपी


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