Friday, November 22, 2024

80 प्रतिशत सटीकता के साथ घातक हृदय रोग का पता लगा सकता है आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टूल


लंदन, 28 मार्च (आईएएनएस)। ब्रिटिश शोधकर्ताओं ने एक नया आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टूल विकसित किया है जो 80 प्रतिशत सटीकता के साथ किसी व्यक्ति की घातक हृदय समस्‍या का पता लगा सकता है।

वेंट्रिकुलर एरिथमिया, असामान्य हार्ट रिदम है जो हार्ट के लोअर चैंबर से जुड़ी समस्‍या को दिखाता है। इस स्थिति में दिल की तेज धड़कनों के साथ रक्तचाप कम हो जाता है। इस घातक समस्‍या का अगर समय से इलाज न किया जाए तो यह जानलेवा हो सकती है।

यूके में लीसेस्टर विश्वविद्यालय के नेतृत्व वाली एक टीम ने वीए-रेसनेट-50 नामक एक टूल तैयार किया है। यूरोपियन हार्ट जर्नल डिजिटल हेल्थ में प्रकाशित अध्ययन में उपकरण का उपयोग 2014 और 2022 के बीच घर पर रह रहे 270 वयस्कों के होल्टर इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम (ईसीजी) की जांच करने के लिए किया गया था।

ईसीजी के बाद औसतन 1.6 वर्षों में लगभग 159 लोगों ने घातक वेंट्रिकुलर एरिथमिया का अनुभव किया था।

वीए-रेसनेट-50 का उपयोग रोगी की हृदय जांच करने के लिए किया गया था, यह देखने के लिए कि क्या उसे यह घातक बीमारी हो सकती है।

प्रत्येक पांच में से चार मामलों में एआई उपकरण ने सही भविष्यवाणी की, जिससे पता चला कि किस मरीज का हृदय वेंट्रिकुलर एरिथमिया के लिए सक्षम है।

कार्डिएक इलेक्ट्रोफिजियोलॉजी के प्रोफेसर और विश्वविद्यालय में कार्डियोवास्कुलर साइंसेज विभाग के प्रमुख प्रोफेसर आंद्रे एनजी ने कहा, ”वर्तमान नैदानिक ​​दिशानिर्देश जो हमें यह तय करने में मदद करते हैं कि किन रोगियों को वेंट्रिकुलर एरिथमिया का सबसे अधिक खतरा है और किसे इम्प्लांटेबल कार्डियोवर्टर डिफाइब्रिलेटर के साथ जीवन रक्षक उपचार से सबसे अधिक लाभ होगा। इस समस्‍या से बड़ी संख्या में मौतें होती हैं।”

प्रोफेसर ने कहा, ”टूल से जांच के बाद घातक बीमारी का जोखिम सामान्य वयस्कों की तुलना में तीन गुना अधिक था।”

उन्होंने कहा, ”मरीजों की इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम की जांच में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टूल का उपयोग करते हुए सामान्य हृदय गति में एक नया लेंस प्रदान किया जाता है जिसके माध्यम से हम उनके जोखिम को जानकर उचित उपचार का सुझाव दे सकते हैं जिससे मौत के जोखिम को कम किया जा सकता है।”

–आईएएनएस

एमकेएस/


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