पटना, 8 मार्च (आईएएनएस)। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ छह सफल महिलाओं की प्रेरक कहानियों को साझा किया। उन्होंने इसमें से एक बिहार की अनीता देवी की कहानी भी बताई, जो बिहार में मशरूम लेडी के नाम से पहचानी जाती हैं। न्यूज एजेंसी आईएएनएस से बात करते हुए अनीता देवी ने बताया कि वो खुद को बहुत सौभाग्यशाली महसूस करती हैं कि पीएम मोदी ने उनका नाम लिया।
अनिता देवी ने बताया, “आठ मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जा रहा है। पीएम मोदी ने ट्वीट करके महिलाओं को प्रेरणा देने का काम किया। पीएम मोदी बहुत लोकप्रिय हैं और महिलाओं के लिए बहुत सोचते हैं। उन्होंने महिलाओं के लिए कई तरह की उद्यम की व्यवस्था की है, जिससे महिलाएं आगे बढ़ सकें।”
अपने काम के बारे में उन्होंने बताया, “2012 में मैं ‘जीविका’ से जुड़ी, उसके बाद हमने मशरूम के उत्पादन की ट्रेनिंग ली। ‘जीविका’ ने हमें बहुत सहयोग किया। पैसों की भी मदद की। आज के समय में मेरे साथ 10 से 12 महिलाएं काम करती हैं, जो ‘जीविका’ से जुड़ी हुई हैं। मैं खुद स्वरोजगार करती हूं और महिलाओं को रोजगार देती भी हूं।”
उन्होंने बताया कि उनकी एक कंपनी है, जिसमें 600 से अधिक पुरुष और महिला काम कर रहे हैं। इस कंपनी में जैविक खेती से जुड़े जरूरी सामान मिलते हैं और लोगों को जैविक खेती करने के लिए प्रेरित करते हैं। बहुत सारे किसान जैविक खेती से प्रेरित होकर इस क्षेत्र में काम कर रहे हैं।
उन्होंने बताया, “सीजन के हिसाब से वो प्रतिदिन 50 से 60 किलो तक मशरूम बेचती हैं, वहीं वर्तमान में 30-40 किलो मशरूम बिक रहा है। ‘जीविका’ से जुड़ी हुई कई सारी महिलाएं हमसे मशरूम खरीदकर इसे डोर टू डोर बेचती हैं। वहीं, बाकी के मशरूम मंडी और सब्जियों के दुकानों पर देते हैं। बिहार से दिल्ली तक मशरूम की बिक्री होती है। इसके लिए ऑनलाइन पोर्टल की सहायता लेते हैं।”
पीएम मोदी की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा, “पीएम मोदी महिलाओं के साथ पूरे देश के लिए सोचते हैं। वो लोगों को प्रोत्साहित करते हैं। अपने पूरे जीवनकाल में मैंने कभी ऐसा प्रधानमंत्री नहीं देखा।”
इससे पहले पीएम मोदी ने अनीता देवी के संदेश को ‘एक्स’ पर शेयर किया था। जिसमें लिखा था, “मैं अनीता देवी, नालंदा जिले के अनंंतपुर गांव की रहने वाली हूं। मैंने जीवन में बड़े संघर्ष देखे हैं। लेकिन मेरा हमेशा से मन था, अपने दम पर कुछ करने का। 2016 में मैंने खुद स्वरोजगार करने का निर्णय लिया था। उसी दौर में स्टार्ट-अप्स का इतना क्रेज बढ़ गया था। इसलिए 9 साल पहले मैंने भी अपनी माधोपुर फार्मर्स प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड की स्थापना की।”
एक अन्य पोस्ट में अनीता देवी ने लिखा, “मेरी प्रेरणा महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना! बिहार सरकार की ‘जीविका’ परियोजना और राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) की मदद से मैंने मशरूम उत्पादन का प्रशिक्षण लिया था। इसके बाद मैंने सैकड़ों महिलाओं को भी मशरूम की खेती से जोड़ा। अब मेरा सपना है कि गांव की हर महिला अपने पैरों पर खड़ी हो। अभी जो मखाना बोर्ड की स्थापना का ऐलान हुआ है, उसके बाद मैं मखाने से जुड़े काम के बारे में भी सोच रही हूं।”
–आईएएनएस
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