Home देश तिरुपति मंदिर के प्रसाद में जानवरों की चर्बी की मिलावट से साधु-संतों में रोष

तिरुपति मंदिर के प्रसाद में जानवरों की चर्बी की मिलावट से साधु-संतों में रोष

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तिरुपति मंदिर के प्रसाद में जानवरों की चर्बी की मिलावट से साधु-संतों में रोष

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वाराणसी, 19 सितंबर (आईएएनएस)। राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) ने आंध्र प्रदेश के तिरुपति मंदिर के लड्डूओं में फिश ऑयल और जानवरों की चर्बी मिलने की पुष्टि की है। इससे देश के साधु-संतों में रोष देखने को मिल रहा है।

अखिल भारतीय संत समिति के राष्ट्रीय महामंत्री जितेंद्रानंद सरस्वती ने कहा “आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने तिरुपति मंदिर के प्रसाद में मिलावट को लेकर जो रहस्योद्घाटन किया है, वो बहुत ही गंभीर धार्मिक अपराध है। जगन मोहन रेड्डी की सरकार में प्रसाद में जानवरों की चर्बी से बनी घी का उपयोग किया जा रहा था। अखिल भारतीय संत समिति का मानना है कि मठ, मंदिर चलाना सरकार का काम नहीं है। लेकिन देश के चार लाख मंदिर इनके कब्जे में हैं। प्रसाद में जानवरों की चर्बी म‍िलाना धार्मिक रूप से अक्षम्य और बहुत बड़ा अपराध है। यह षड्यंत्र है। इस बात के उजागर के लिए हम चंद्रबाबू नायडू के सरकार की प्रशंसा करते हैं।

राम मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने इस घटना पर कहा कि इस तरह के बर्ताव को अब साधु संत कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे। आंध्र प्रदेश में जो घटना हुई है, वह बहुत ही घिनौनी घटना है, इस तरह के घटना को अंजाम देने वाला देशद्रोही हैं। करोड़ों लोगों की आस्था को ठेस पहुंचा है। इसकी जांच होनी चाहिए और अपराधी को कड़ी से कड़ी सजा देनी चाहिए।

अयोध्या से बाल संत दिवाकराचार्य ने इस मुद्दे पर कहा, जिन लोगों ने ये अपराध किया है, उसकी जांच होनी चाहिए। लड्डू में मांस मिलाना, जिहाद को बढ़ावा देना गलत है। ऐसे किसी के धर्म को भ्रष्ट नहीं किया जाना चाहिए। इसके लिए सरकार को बड़ा कानून लाना चाहिए।

बता दें कि आंध्र प्रदेश के तिरुपति मंदिर के लड्डूओं में मिलावट पर बड़ा खुलासा हुआ है। प्रसाद में फिश ऑयल और जानवरों की चर्बी मिलने की पुष्टि हुई है। राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) के तहत सेंटर ऑफ एनालिसिस एंड लर्निंग इन लाइवस्टॉक एंड फूड (सीएएलएफ) लैब की एक रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है।

एनडीडीबी की रिपोर्ट के मुताबिक, तिरुपति मंदिर में लड्डुओं का प्रसाद तैयार किया जाता है, उसमें बीफ की चर्बी, दूसरे जानवरों की चर्बी और मछली का तेल मिला है। ये सब कुछ उस घी में मिला है, जिससे लड्डू तैयार किया जाता है। हैरान करने वाली बात यह है कि प्रसाद के तौर इन लड्डुओं को ना सिर्फ श्रद्धालुओं को बांटा गया, बल्कि भगवान को भी प्रसाद के तौर पर यही लड्डू चढ़ाया जाता रहा।

–आईएएनएस

एससीएच/सीबीटी

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