Sunday, March 30, 2025

अमेरिकी रेसिप्रोकल टैरिफ : ट्रंप प्रभाव को कम करने के लिए 'भारत' के पास जीत का रास्ता मौजूद


नई दिल्ली, 27 मार्च (आईएएनएस)। अमेरिका के रेसिप्रोकल टैरिफ दो अप्रैल से लागू होने जा रहे हैं। इसी कड़ी में गुरुवार को आई रिपोर्ट के अनुसार, आगामी टैरिफ को देखते हुए भारत द्वारा अमेरिका को कुछ प्रमुख क्षेत्रों में रियायतें देकर बातचीत को आगे बढ़ाने की जरूरत है। साथ ही भारत को यह भी ध्यान रखने की जरूरत होगी कि देश के घरेलू उद्योग को इससे कोई नुकसान न पहुंचे।

ट्रंंप के “लव फोर अ डील” के बीच तेजी से बदलते वैश्विक व्यापार गतिशीलता में, एमके ग्लोबल फाइनेंशियल सर्विसेज ने भारत के लिए कुछ “आसान जीत” की पहचान की है।

इनमें अमेरिका से ऊर्जा (कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस) आयात बढ़ाना, रक्षा खरीद और सहयोग को बढ़ाना, कुछ कृषि/खाद्य वस्तुओं पर शुल्क कम करना और विदेशी इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) पर शुल्क कम करना शामिल है।

एमके ग्लोबल फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड की मुख्य अर्थशास्त्री माधवी अरोड़ा ने कहा कि वैल्यू चेन में सेक्टर या कमोडिटी लेवल के टैरिफ आकलन के आसपास की जटिलताओं को देखते हुए, दो अप्रैल को ब्रांड सेक्टर लेवल रेसिप्रोकल टैरिफ लगने की सबसे ज्यादा संभावना है।

उन्होंने कहा, “ग्लोबल ट्रेड वॉर के इस नए चरण में बाजार हिस्सेदारी हासिल करने के लिए भारत को कड़ी मेहनत करनी होगी। इसके अंत में, हमारा विचार है कि टैरिफ भारत के लिए एक बड़ा झटका नहीं होगा, क्योंकि वार्ता फलदायी होगी, जिसका अमेरिका के लिए ओवरऑल भारतीय निर्यात पर थोड़ा प्रभाव पड़ेगा।”

मेक्सिको और कनाडा पर टैरिफ के लिए, कुछ निर्यात अवसर रिफाइंंड पेट्रोलियम, ऑटो कंपोनेंट्स हैं, लेकिन उत्तरी अमेरिकी सप्लाई चेन के इंटीग्रेटेड नेचर का मतलब है कि कोई भी लाभ अगर संभव हुआ तो भारत को इसे मिलने में समय लगेगा।

ट्रंप ने कहा है कि उन्हें उम्मीद है कि भारत टैरिफ को काफी कम कर देगा, लेकिन रेसिप्रोकल रेट वसूलने की उनकी योजना के साथ आगे बढ़ेगा। उन्होंने पिछले सप्ताह कहा, “मुझे लगता है कि वे संभवतः उन टैरिफ को काफी हद तक कम करने जा रहे हैं, लेकिन 2 अप्रैल को हम उनसे वही टैरिफ वसूलेंगे, जो वे हमसे वसूलते हैं।”

केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने भी इस महीने वाशिंगटन का दौरा किया और टैरिफ बढ़ोतरी को रोकने के लिए अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि जैमीसन ग्रीर और अमेरिकी वाणिज्य सचिव हॉवर्ड लुटनिक से बात की।

–आईएएनएस

एसकेटी/सीबीटी


Related Articles

Latest News