शिलांग, 23 सितंबर (आईएएनएस)। राज्य विधानसभा में एक क्षेत्रीय पार्टी के विधायक ने दावा किया कि असम में नए चरमपंथी समूह ने मेघालय के सीमावर्ती गांवों को असहज कर दिया है।
शुक्रवार को मेघालय विधानसभा के 60 सदस्यों से बात करने वाले यूनाइटेड डेमोक्रेटिक पार्टी के विधायक नुजोर्की सुंगोह ने कहा कि यूनाइटेड पीपुल्स फ्रंट ऑफ कार्बी लोंगरी (यूपीएफकेएल) की स्थापना कुछ महीने पहले हुई थी और यह संगठन असम सीमा के साथ एक विवादास्पद क्षेत्र में रहने वाले मेघालय के निवासियों के लिए समस्या पैदा कर सकता है।
असम का पश्चिम कार्बी आंगलोंग जिला विवादित क्षेत्र से घिरा है, और यूपीएफकेएल एक ऐसा संगठन है जो स्पष्ट रूप से कार्बी आदिवासी लोगों के लक्ष्यों का समर्थन करता है।
समूह के दो सदस्यों को जुलाई में असम पुलिस ने हिरासत में लिया था और उनके पास से दो पिस्तौल, हथगोले, जबरन वसूली की नकदी तथा हथियार पाए गए थे। कथित तौर पर दोनों 885 किलोमीटर लंबी असम-मेघालय सीमा पर अभी भी अनसुलझे छह विवादित क्षेत्रों में से एक ब्लॉक-1 के एक गांव के निवासी थे।
सुंगोह ने जोर देकर कहा कि असम की पार्टियों द्वारा “डराने-धमकाने का इतिहास” मेघालय के खासी-पनार आदिवासी लोगों में यूपीएफकेएल के बारे में चिंता बढ़ाता है।
उन्होंने उन गांवों का उदाहरण दिया जिन्हें अतीत में मेघालय में अपने घर छोड़ने पड़े थे।
उन्होंने उम्मीद जताई कि सरकार नए खतरे पर ध्यान देगी और स्थानीय लोगों को निराश नहीं करेगी।
इस बीच, मुख्यमंत्री कॉनराड के. संगमा के अनुसार, मेघालय सरकार को अभी तक नए कार्बी चरमपंथी समूह के संबंध में कोई खुफिया जानकारी या शिकायत नहीं मिली है।
उन्होंने कहा, “हालांकि, हम इस घटनाक्रम को खारिज नहीं कर रहे हैं। अपने लोगों की रक्षा और सुरक्षा के लिए हम यह सुनिश्चित करेंगे कि पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था हो।”
–आईएएनएस
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