नई दिल्ली, 20 सितंबर (आईएएनएस)। निकट भविष्य में बाजार के लिए चुनौतियों के मद्देनजर बुधवार को घरेलू शेयर बाजारों में गिरावट देखी गई और बीएसई का सेंसेक्स 600 अंक से ज्यादा टूट गया। जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी.के. विजयकुमार का कहना है कि ब्रेंट क्रूड 94 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया है, डॉलर इंडेक्स 105 से ऊपर है, दो साल के अमेरिकी बॉन्ड पर ब्याज 5.09 फीसदी पर पहुंच गया है और डॉलर के मुकाबले रुपया रिकॉर्ड निचले स्तर पर है।
उन्होंने कहा कि इन विपरीत परिस्थितियों के साथ ही अब एचडीएफसी बैंक के एनआईएम के संभावित संपीड़न की निराशाजनक खबर से बैंक निफ्टी में धारणा अस्थायी रूप से प्रभावित हो सकती है।
भारत और कनाडा के बीच संबंधों में तनाव का बाजार पर कोई स्थायी प्रभाव पड़ने की संभावना नहीं है।
मिड- और स्मॉल-कैप में व्यस्त गतिविधि ने इन क्षेत्रों में मूल्यांकन को उच्च स्तर पर पहुंचा दिया है। इनमें से कई शेयरों में तेज वृद्धि उम्मीद पर आधारित है। देखना यह है कि यह उम्मीद हकीकत में तब्दील होगी या नहीं। निष्पादन संबंधी चुनौतियाँ उत्पन्न हो सकती हैं।
उन्होंने कहा कि निवेशक उच्च गुणवत्ता वाले लार्ज-कैप के साथ बने रहने की सतर्क रणनीति अपना सकते हैं।
उन्होंने कहा कि व्यापक बाजार में बैंक ऑफ बड़ौदा, केनरा बैंक और इंडियन बैंक जैसे काफी अच्छे पीएसयू बैंकों का मूल्यांकन अब भी आकर्षक है।
सुबह के कारोबार में बीएसई सेंसेक्स टूट गया और 625 अंक गिरकर 66,946 अंक पर है। एचडीएफसी बैंक में तीन फीसदी से ज्यादा गिरावट है।
–आईएएनएस
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