Thursday, March 13, 2025

बिहार में पर्यावरण संरक्षण के साथ पत्थर खनन भी करेगा विभाग : विजय सिन्हा


पटना, 12 मार्च (आईएएनएस)। बिहार में अब पत्थर खनन की प्रक्रिया पर्यावरण संरक्षण के साथ की जाएगी। अभी राज्य में आठ खनन पट्टे चालू हैं, जिसमें सात शेखपुरा और एक गया जिले में मौजूद है।

बिहार के उपमुख्यमंत्री सह खान एवं भूतत्व विभाग के मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने बुधवार को कहा कि सभी जिलों को यह आदेश दिया गया है कि ऐतिहासिक, पौराणिक और पर्यावरणीय महत्व के सभी पहाड़ों का विस्तृत डाटाबेस तैयार किया जाए, जिससे इन विशेष महत्व के पहाड़ों को समुचित तरीके से संरक्षित किया जा सके।

मंत्री ने सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के सभागार में आयोजित प्रेस वार्ता में बताया कि प्रदेश में बालू घाटों की संख्या 77 से बढ़कर वर्तमान में 171 हो गई है। वर्तमान में 94 नए घाटों का संचालन किया जा रहा है। सभी बालू घाटों का संचालन शुरू होने से राजस्व संग्रह में तीन फीसदी की बढ़ोतरी होगी। चालू वित्तीय वर्ष में राजस्व संग्रह में 106 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।

उन्होंने कहा कि वित्तीय वर्ष 2024-25 में राजस्व संग्रह का लक्ष्य 2,405 करोड़ रुपये का रखा गया था, जिसमें 2,605 करोड़ रुपये संग्रह हो चुका है। पिछले वित्तीय वर्ष में निर्धारित लक्ष्य का 94.38 प्रतिशत, वित्तीय वर्ष 2022-23 में 90.99 प्रतिशत राज्य निर्धारित लक्ष्य के मुकाबले संग्रह किया गया था। इस वर्ष रिकॉर्ड राजस्व संग्रह हुआ है।

मंत्री ने कहा कि इस वर्ष एक अप्रैल से ट्रांजिट पास एवं विनियामक शुल्क का निर्धारण, अन्य राज्यों से लघु खनिज लाने वाले सभी वाहनों को विनियामक पास का भुगतान कर शुल्क लिया जाएगा। इससे अन्य राज्यों से आने वाले लघु खनिजों पर निगरानी रखी जाएगी। सरकार की तरफ से विभाग के सभी सहायक निदेशकों, विकास पदाधिकारियों को मोबाइल सिम भी उपलब्ध कराए गए हैं।

उन्होंने बताया कि अवैध खनन एवं परिवहन में फरवरी 2024-25 तक 28,942 छापेमारी की गई, जिसके तहत 32,063 प्राथमिकी दर्ज की गई। इस दौरान 1,206 अवैध खनन करने वालों की गिरफ्तारी की गई तथा 10,092 वाहनों की जब्ती और दंडस्वरूप फरवरी महीने तक 126 करोड़ 44 लाख रुपए की वसूली की गई है। पर्यावरण स्वीकृत प्राप्त बालू घाटों की संख्या 166 से बढ़कर 230 हो गई है। इसके अलावा नीलामी बालू घाटों की संख्या 266 से बढ़कर 388 हो गई है। इनमें 121 बालू घाटों में से 63 घाटों को पर्यावरणीय स्वीकृति की प्राप्ति हुई है। 94 नए बालू घाट संचालित हुए हैं।

–आईएएनएस

एमएनपी/सीबीटी


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