मुंबई, 17 फरवरी (आईएएनएस)। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने “बजट बनाने में बड़ा बदलाव” किया है, जिससे करदाताओं के पैसे को संभालने में मदद मिलेगी।
वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार ने पूंजीगत व्यय बजट बढ़ाया है और साथ ही कर में कटौती के माध्यम से कुछ रियायतें दी हैं, खासकर व्यक्तिगत आयकर, उन लोगों के लिए जो खर्च करना या बचत करना या निवेश करना चाहते हैं।
उद्योग के हितधारकों के साथ पोस्ट बजट कॉन्फरेंस में अपने संबोधन में, वित्त मंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि 2025-26 के बजट में जुलाई के बजट में निर्धारित सकल घरेलू उत्पाद के 4.5 प्रतिशत से कम के राजकोषीय घाटे के लिए प्रतिबद्धता जताई गई है।
उन्होंने कहा कि बजट 2025-26 में कैपेक्स (पूंजीगत व्यय) पिछले साल की तुलना में 10.2 प्रतिशत बढ़ा है और इसके लिए करीब 16 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।
वित्त मंत्री ने कहा, “यह सच है कि हमने पूंजीगत व्यय के लिए बजट में वृद्धि की है।”
वित्त मंत्री ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि बजट में करदाताओं को रियायतें दी गई हैं, साथ ही पूंजीगत परिसंपत्ति निर्माण के लिए प्रावधान भी सुनिश्चित किए गए हैं। उन्होंने कहा कि बजट करदाताओं को बचत, खर्च या निवेश करने की सुविधा देता है।
उन्होंने 12 लाख रुपये तक की आय वाले करदाताओं को आयकर में छूट देने पर विचार करने और उन्हें पुरस्कृत करने के लिए प्रधानमंत्री को धन्यवाद दिया। इस कदम से मध्यम आय वर्ग के 1 करोड़ करदाताओं को लाभ मिलने की उम्मीद है।
वित्त मंत्री सीतारमण ने केंद्रीय बजट 2025 से पैदा होने वाली प्रमुख चिंताओं और अवसरों को संबोधित करने के लिए आर्थिक राजधानी में उद्योग हितधारकों के साथ बात की।
यह बातचीत आर्थिक प्राथमिकताओं पर व्यापार जगत के नेताओं और नीति निर्माताओं के साथ बातचीत करने के व्यापक आउटरीच कार्यक्रम का हिस्सा है।
2025-26 के बजट का उद्देश्य कृषि और ग्रामीण क्षेत्र, एमएसएमई और निर्यात में निवेश के जरिए राजकोषीय कंसोलिडेशन पाथ पर बने रहने के साथ रोजगार आधारित समावेशी विकास को गति देना है।
इंफ्रास्ट्रक्चर के अलावा, ग्रामीण विकास और कृषि व्यय में वृद्धि को बढ़ावा देंगे। केंद्र का कुल व्यय वित्त वर्ष 25 के संशोधित अनुमान में 47.2 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर वित्त वर्ष 26 के संशोधित अनुमान में 50.7 लाख करोड़ रुपये होने का अनुमान है।
इसके अलावा, न्यू इंडिया कोऑपरेटिव बैंक घोटाला और दूसरे घोटालों को लेकर वित्तीय सेवा विभाग (डीएफएस) के सचिव एम नागराजू ने इस मौके पर कहा कि आरबीआई ने कार्रवाई की है, हम इस पर कोई टिप्पणी नहीं करेंगे और सरकार इस मामले पर विचार करेगी कि ग्राहकों को बीमा दिया जाना चाहिए, जब ऐसा होगा तो हम बता देंगे।
न्यू इंडिया कोऑपरेटिव बैंक के जमाकर्ताओं के लिए डिपॉजिट इंश्योरेंस फिलहाल पांच लाख रुपये तक की रकम निकालने में मददगार होगा। बैंक के ग्राहकों को यह राशि 90 दिनों के भीतर मिलेगी। हालांकि, 5 लाख रुपये से ज्यादा की रकम को लेकर सरकार की ओर से विचार किया जाएगा।
–आईएएनएस
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