Tuesday, February 4, 2025

पश्चिमी तट में इजरायली बलों की कार्रवाई गाजा युद्ध विराम समझौते को कर रही कमजोर : यूएन एजेंसी


रामल्लाह, 4 फरवरी (आईएएनएस)। फिलिस्तीन शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र राहत एवं कार्य एजेंसी (यूएनआरडब्ल्यूए) ने चेतावनी दी है कि “पश्चिमी तट में चौंकाने वाले दृश्य गाजा में हुए युद्ध विराम को कमजोर करते हैं और नए सिरे से तनाव बढ़ने का खतरा पैदा करते हैं।”

समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, यूएनआरडब्ल्यूए ने एक प्रेस वक्तव्य में कहा कि इजरायली बलों के नियंत्रित विस्फोटों की एक सीरीज ने जेनिन कैंप के बड़े हिस्से को पूरी तरह से नष्ट कर दिया है। उसे विध्वंस के बारे में कोई पूर्व चेतावनी नहीं मिली थी, जिससे नागरिकों की जान जोखिम में पड़ गई।

यूएनआरडब्ल्यूए ने कहा, “कैंप के निवासियों ने लगभग दो महीने तक लगातार और बढ़ती हिंसा का सामना किया है। पिछले महीनों में, जेनिन कैंप एक भूत शहर बन गया है।”

इससे पहले दिन में, फिलिस्तीनी राष्ट्रपति ने फिलिस्तीनियों को विस्थापित करने के लिए वेस्ट बैंक में अपने “युद्ध” के विस्तार की निंदा की। उन्होंने इस तरह की कार्रवाइयों के खतरनाक परिणामों की चेतावनी दी।

फिलिस्तीनी राष्ट्रपति के प्रवक्ता नबील अबू रुदीनेह ने चेतावनी दी कि चल रहे इजरायली “आक्रामकता” से और अधिक बढ़ोतरी होगी। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि फिलिस्तीनी लोग विस्थापन या वैकल्पिक मातृभूमि की किसी भी योजना को स्वीकार नहीं करेंगे।

नबील अबू रुदीनेह ने फिलिस्तीनी समाचार एजेंसी डब्ल्यएएफए को बताया कि 21 जनवरी को, इजरायली सेना ने “आयरन वॉल” नामक एक सुरक्षा अभियान शुरू किया है। अभियान में जेनिन, उसके शरणार्थी कैंप और उत्तरी पश्चिमी तट के अन्य क्षेत्रों में सशस्त्र आतंकवादियों को निशाना बनाया जा रहा है। दावा किया गया है कि अभियान का उद्देश्य सशस्त्र आतंकवादियों को निशाना बनाना और “आतंकवादी” बुनियादी ढांचे को नष्ट करना है। उस समय से अब तक, 29 फिलिस्तीनी मारे गए हैं, और जेनिन और तुलकरम शिविरों में आवासीय ब्लॉकों को ध्वस्त कर दिया गया है।

तुलकरम के गवर्नर अब्दुल्ला कामिल ने सोमवार को एक प्रेस विज्ञप्ति में घोषणा की कि इजरायली बलों ने लगभग 9,000 निवासियों, या तुलकरम शरणार्थी कैंप की 75 प्रतिशत से अधिक आबादी को जबरन विस्थापित कर दिया है।

जेनिन और उत्तरी पश्चिमी तट के अन्य स्थानों पर छापेमारी गाजा में हमास और इजरायल के बीच युद्धविराम के प्रभावी होने के दो दिन बाद ही हुई।

–आईएएनएस

एससीएच


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