Friday, November 22, 2024

भारतीय क्लीनटेक प्रमुख अटेरो ने जीएचजी उत्सर्जन सत्यापन के लिए हास‍िल की वैश्विक मान्‍यता


नई दिल्ली, 14 नवंबर (आईएएनएस)। अग्रणी क्लीनटेक कंपनी अटेरो ने गुरुवार को कहा कि उसने ‘ग्रीनहाउस गैस (जीएचजी) उत्सर्जन सत्यापन के लिए आईएसओ 14064 प्रमाणन’ हासिल कर लिया है। इससे यह ई-कचरा रीसाइक्लिंग उद्योग में यह उपलब्धि हासिल करने वाली पहली भारतीय कंपनी बन गई है।

आईएसओ 14064 जीएचजी उत्सर्जन सत्यापन के लिए एक अंतरराष्ट्रीय मानक है, जो विस्तृत गणनाओं और स्वतंत्र तृतीय-पक्ष सत्यापन के माध्यम से किसी संगठन के कार्बन उत्‍सर्जन का आकलन करता है।

अटेरो ने कहा कि यह प्रमाणन पुष्टि करता है कि इसके कार्बन पदचिह्न और जीएचजी उत्सर्जन डेटा को स्वतंत्र रूप से सत्यापित और मान्य किया गया है, जो स्थिरता और जिम्मेदार पर्यावरणीय प्रथाओं के प्रति इसकी प्रतिबद्धता को मजबूत करता है।

“आईएसओ 14064 प्रमाणन एक स्थायी भविष्य के लिए अटेरो की प्रतिबद्धता का प्रमाण है। अटेरो के सह-संस्थापक और सीईओ नितिन गुप्ता ने कहा, “उद्योग में जीएचजी उत्सर्जन प्रबंधन के लिए एक नया मानक स्थापित करके, हम न केवल अपने कार्बन पदचिह्न को कम कर रहे हैं, बल्कि दूसरों को अधिक पारदर्शी और प्रभावशाली पर्यावरणीय प्रथाओं को अपनाने के लिए प्रेरित भी कर रहे हैं।”

उन्होंने कहा, “यह कचरे को संसाधनों में बदलने के हमारे मिशन के साथ संरेखित है, जबकि आने वाली पीढ़ियों के लिए एक स्वच्छ ग्रह का समर्थन करता है।”

अटेरो ने अपने संचालन में कम करने, पुन: उपयोग करने और पुनर्चक्रण के सिद्धांतों को एकीकृत करते हुए, सर्कुलर अर्थव्यवस्था में खुद को एक नेता के रूप में स्थापित किया है।

कंपनी ई-कचरे का प्रबंधन करने और लिथियम-आयन बैटरी को रीसायकल करने के लिए प्रमुख मूल उपकरण निर्माताओं (ओईएम) के साथ सहयोग करती है। इससे कीमती, महत्वपूर्ण और दुर्लभ पृथ्वी सामग्री को पुनर्प्राप्त करते हुए इलेक्ट्रॉनिक कचरे को प्रभावी ढंग से कम किया जा सकता है।

46 से अधिक पेटेंट द्वारा समर्थित अपनी उन्नत तकनीक का लाभ उठाते हुए, एटरो लिथियम-आयन बैटरी रीसाइक्लिंग में उद्योग-सर्वश्रेष्ठ 98 प्रतिशत निष्कर्षण दक्षता और 99 प्रतिशत से अधिक शुद्धता प्रदान करता है, जो संसाधन पुनर्प्राप्ति को अधिकतम करता है और पर्यावरणीय प्रभाव को कम करता है। अटेरो अगले पांच वर्षों में अपनी वार्षिक ई-कचरा प्रसंस्करण क्षमता को 144,000 मीट्रिक टन से बढ़ाकर 415,000 मीट्रिक टन करने की योजना बना रहा है।

यह कार्बन क्रेडिट उत्पन्न करने के लिए संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन ऑन क्लाइमेट चेंज (यूएनएफसीसीसी) द्वारा प्रमाणित एकमात्र कंपनी है, जो वैश्विक स्थिरता प्रयासों में इसके योगदान को और अधिक मान्य बनाती है।

कंपनी ने कहा, “वैश्विक तापमान वृद्धि और जलवायु संकट दुनिया भर में तीव्र होते जा रहे हैं, ऐसे में अटेरो का आईएसओ 14064 प्रमाणन ई-कचरा रीसाइक्लिंग उद्योग में जवाबदेह उत्सर्जन प्रबंधन के लिए एक अभूतपूर्व प्रतिबद्धता का संकेत देता है।”

रोहन गुप्ता और नितिन गुप्ता द्वारा 2008 में स्थापित, यह भारत की एकमात्र क्लीनटेक कंपनी है, जो 22 से अधिक शुद्ध महत्वपूर्ण धातुओं की एक श्रृंखला निकाल सकती है।

–आईएएनएस

सीबीटी/


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