वाराणसी, 7 नवंबर (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में 6 नंवबर को हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में ‘पीएम विद्यालक्ष्मी’ योजना को मंजूरी दी गई। इस योजना को लेकर पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में प्रोफेसर और छात्रों ने खुशी जाहिर की है।
उन्होंने कहा कि छात्रों के कल्याण के लिए पीएम मोदी एक अभिभावक की तरह सोच रहे हैं। वह बच्चों की शिक्षा के लिए सभी सुविधाएं दे रहे हैं, जिससे उनकी पढ़ाई में कोई कमी न रह सके।
बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (बीएचयू) के प्रोफेसर राजीव श्रीवास्तव ने आईएएनएस से खास बातचीत में कहा, “पीएम मोदी ने पहले ही कहा था कि हम शिक्षा के क्षेत्र में बड़ा काम करेंगे। उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में काम करने के लिए उन तमाम क्षेत्र को चुना है, जहां धन की कमी थी। उन्होंने शिक्षा के लिए धन का पिटारा खोल दिया, इसी के चलते उन्होंने लोन की भी व्यवस्था की। अगर कोई उच्च शिक्षा हासिल करना चाहता है तो उसको लोन मिल जाएगा।”
उन्होंने आगे कहा, “हम पीएम मोदी को धन्यवाद देते हैं, क्योंकि उन्होंने बच्चों के कल्याण के लिए एक शिक्षक और अभिभावक के तौर पर सोचा। पहली बार ऐसा महसूस हो रहा है कि वह हमारे देश के अभिभावक हैं और अपने बच्चों की शिक्षा के लिए जमीनी स्तर काम कर रहे हैं।”
बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर मृदुला जायसवाल ने कहा, “पीएम मोदी ने एक अच्छी योजना को शुरू किया है। उनकी विचारधारा भी यही है कि भारत पढ़ेगा, तभी तो आगे बढ़ेगा। भारत में कई लोग आए दिन प्रतियोगी परीक्षाओं में हिस्सा लेते हैं, जिसमें कई लोगों के बारे में यह पता चलता है कि किसान की बेटी ने टॉप किया है और उसके पिता ने अपनी जमीन बेचकर उसे पढ़ाया है। ऐसे में पीएम मोदी की यह योजना उन बच्चों के लिए ही है, जो उनके लिए लाभकारी सिद्ध होगी।”
शोधार्थी धनंजय ने कहा, “यह पीएम मोदी की एक अच्छी योजना है, जो आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों के लिए हैं। यह योजना उनकी उच्च शिक्षा के लिए शानदार पहल है। जो छात्र आर्थिक रूप से कमजोर हैं और वह अपनी गरीबी की वजह से आगे की पढ़ाई नहीं कर पा रहे हैं, यह योजना उनके लिए वरदान साबित होगी। कई छात्र ऐसे हैं, जिन्होंने लोन लिया है मगर वह उसे नहीं भर पा रहे हैं, इसलिए अब इस योजना के माध्यम से उनके लिए रास्ता आसान हो जाएगा।”
–आईएएनएस
एफएम/केआर