2 जुलाई | इसराइल-हमास युद्ध: गाजा के अस्पताल प्रमुख की रिहाई के बाद पीएम नेतन्याहू ने इस कदम पर गंभीर आपत्ति जताई। उन्होंने इसे गलती बताया और कहा कि इससे हमास को सहारा मिल सकता है।
इस समय इजरायल और हमास के बीच जंग जारी है, जो पिछले साल शुरू हुआ था। इस संघर्ष में हजारों लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। दोनों पक्ष अब बंधकों की रिहाई कर रहे हैं और इस प्रक्रिया के तहत सोमवार को गाजा के सर्वाधिक प्रमुख अस्पताल के निदेशक को इजरायल द्वारा रिहा किया गया।
अस्पताल के निदेशक ने रिहा होने के बाद इजरायली सेना पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। इसके बाद पीएम नेतन्याहू ने इस पर अपनी चिंता जताते हुए इसे सिद्धांततः एक गंभीर गलती बताया है। उनके अनुसार, इस तरह के कदम से हमास को सहारा मिल सकता है और सुरक्षा पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
इजरायल ने सोमवार को गाजा के सबसे बड़े अल-शिफा अस्पताल के निदेशक मोहम्मद अबू सल्मिया को रिहा कर दिया है। रिहा होने के बाद उन्होंने हिरासत में सात महीने तक उन्हें प्रताड़ित किए जाने के आरोप लगाए हैं।
वहीं, पीएम नेतन्याहू ने इस रिहाई की कड़ी आलोचना करते हुए इसे ‘गंभीर गलती’ करार दिया है। उन्होंने कहा कि इस कदम से हमास को सहारा मिल सकता है और सुरक्षा के लिहाज से यह एक खतरनाक निर्णय है।
नेतन्याहू के अनुसार, इस रिहाई से हमास की स्थिति मजबूत हो सकती है और इजरायल की सुरक्षा पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। गाजा में जारी जंग के बीच, यह रिहाई और इसके राजनीतिक निहितार्थ पर विवाद पैदा हो गया है।
अल-शिफा अस्पताल के निदेशक मोहम्मद अबू सल्मिया की रिहाई पर तनाव लगभग उसी समय सार्वजनिक हो गया जब उन्हें 7 अक्टूबर के हमलों के बाद से गाजा में दर्जनों अन्य फलस्तीनियों को बंधक बनाए जाने के आरोप में हिरासत में लिया गया था। ऐसा माना जाता है कि इसी कदम ने इजरायल-हमास युद्ध को जन्म दिया।
23 नवंबर को अस्पताल के अन्य कर्मचारियों के साथ अबू सल्मिया को हिरासत में लिए जाने के बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी इस स्थिति पर गहरी चिंता व्यक्त की थी।
अबू सल्मिया की रिहाई और इसके राजनीतिक असर पर विवाद तब शुरू हुआ, जब इजरायल और हमास के बीच संघर्ष तेज हो गया था।