2 जुलाई | टी-20 वर्ल्ड कप जीतने के बाद भारतीय टीम अभी तक भारत नहीं लौटी है और हरिकेन बेरिल की वजह से बारबाडोस में फंसी हुई है। आइए, जानते हैं आखिर ये तूफान कितना खतरनाक है।
भारतीय क्रिकेट टीम टी-20 वर्ल्ड कप जीतने के बाद अभी तक भारत नहीं लौटी है और बारबाडोस के होटल में ही फंसी हुई है। दरअसल, बारबाडोस में आए हरिकेन बेरिल की वजह से टीम इंडिया होटल में ही फंसी हुई है और भारत नहीं आ पा रही है। यह तूफान इतना खतरनाक है कि इसकी वजह से फ्लाइटें प्रभावित हो रही हैं। ऐसे में सवाल यह है कि आखिर यह तूफान कितना खतरनाक है, अभी वहां कैसे हालात हैं, और यह आम तूफान से कितना अलग और खतरनाक है। साथ ही, जानिए टीम इंडिया कब तक भारत आ सकती है।
हरिकेन बेरिल कितना खतरनाक है?
यह कोई सामान्य तूफान नहीं है, बल्कि एक कैटेगरी-4 का हरिकेन है, जो कैटेगरी-5 के तूफान जैसा खतरनाक माना जा रहा है। 257 किलोमीटर प्रति घंटा की हवाओं ने बारबाडोस में जनजीवन को पूरी तरह से अस्त-व्यस्त कर दिया है।
- बिजली और पानी की सप्लाई ठप हो गई है।
- बारिश की वजह से शहर में हर तरफ पानी भर गया है।
- छतें उड़ गई हैं और स्कूल-कॉलेज बंद कर दिए गए हैं।
- सेंट लूसिया, सेंट विंसेंट, ग्रेनेडाइन, ग्रेनेडा, और टोबैगो में तूफान का अलर्ट जारी किया गया है।
हरिकेन बेरिल एक उष्णकटिबंधीय चक्रवात है, जो समुद्र की गर्म हवा से बनता है। इसे कैरेबियन आइलैंड्स और उत्तरी अमेरिका में सबसे खतरनाक तूफानों में से एक माना जाता है।
दरअसल, यह कोई सामान्य तूफान नहीं है, बल्कि कैटेगरी-4 का तूफान है, जो काफी खतरनाक है। हालांकि, हवाओं की स्पीड को देखते हुए इसे कैटेगरी-5 का तूफान माना जा रहा है। इस तूफान में 257 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से हवाएं चल रही हैं। हवाएं इतनी तेज हैं कि वहां जनजीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गया है और प्रशासन ने लोगों से घर से बाहर नहीं निकलने की अपील की है।
बिजली और पानी की सप्लाई ठप हो गई है। कई घर की छतें उड़ गई हैं और बारिश की वजह से शहर में हर तरफ पानी ही पानी भर गया है। इसके अलावा, प्रभावित क्षेत्रों में स्कूल-कॉलेज बंद रखने के आदेश दिए गए हैं।
अगर तूफान से प्रभावित क्षेत्रों की बात करें तो इसमें बारबाडोस, सेंट लूसिया, सेंट विंसेंट और ग्रेनेडाइन द्वीप समूह, ग्रेनेडा और टोबैगो शामिल हैं, जबकि डोमिनिका और हैती के लिए भी तूफान का अलर्ट जारी किया गया है।
यह तूफान क्लोकवाइज हवाओं की घूमाव के साथ आता है और ऐसे तूफान औसतन 10 साल में एक बार आते हैं। हरिकेन को उष्णकटिबंधीय चक्रवात या Tropical Cyclone भी कहा जाता है और यह इस कैटेगरी के तूफानों में सबसे खतरनाक होता है। जब समुद्र का तापमान बढ़ता है, तो हवा गर्म होकर ऊपर उठती है और वहां ठंडी हवा पहुंचती है, जिससे चक्रवात तूफान बनता है।
जो तूफान उत्तरी अमेरिका और कैरेबियन आइलैंड में आते हैं, उन्हें हरिकेन कहा जाता है। इसकी घूमकर आने वाली हवाएं इसे और भी खतरनाक बना देती हैं। वैसे तो किसी भी व्यक्ति के हवा में उड़ने के पीछे कई चीजें निर्भर करती हैं, लेकिन आमतौर पर 150 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से हवा चलती है। अगर हवा 70 माइल प्रति घंटे की रफ्तार से चलती है, तो यह ग्रेविटी के फोर्स पर हावी हो सकती है। ऐसे में आप अंदाजा लगा सकते हैं कि वहां हवाएं कितनी तेज हैं।
टीम इंडिया कब तक भारत आ पाएगी?
दरअसल, अब कुछ ही समय में तूफान का असर कम होने वाला है और इसके बाद हवाई सेवाएं फिर से शुरू हो जाएंगी। बीसीसीआई ने टीम इंडिया के लिए एक विशेष चार्टर्ड विमान का इंतजाम किया है। बताया जा रहा है कि यह विमान मंगलवार को स्थानीय समयानुसार शाम छह बजे वहां से उड़ान भरेगा और शाम 7:45 बजे दिल्ली में लैंड करेगा।