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बिहार में थमता नहीं दिख रहा पुल-पुलिया गिरने का सिलसिला, सरकार पर उठने लगे सवाल

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बिहार में थमता नहीं दिख रहा पुल-पुलिया गिरने का सिलसिला, सरकार पर उठने लगे सवाल

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Series of bridge collapses does not seem to be stopping in Bihar - kesariya News

पटना, 29 जून (आईएएनएस)। (Series of bridge collapses does not seem to be stopping in Bihar) बिहार में पुल-पुलिया गिरने या क्षतिग्रस्त होने का सिलसिला जारी है। पिछले 11 दिनों के अंदर पांच पुल गिर चुके हैं। पुल गिरने की घटनाओं के बीच सरकार पर भी अब सवाल उठने लगे हैं। हालांकि सरकार पुल के टूटने या धराशायी होने की घटना की जांच कराने की बात जरूर कर रही है।

इधर, पुल-पुलियों के गिरने की घटना के बाद सचेत हुई सरकार अब पुल की कमजोरी को जानने और नए पुल मजबूत बने, इसके लिए सभी ग्रामीण पुलों की स्ट्रक्चरल ऑडिट कराने जा रही है। मकसद यह है कि सरकारी राशि का सदुपयोग हो और जानमाल की सुरक्षा भी की जा सके।

ऐसा नहीं कि बिहार में पुल धराशायी या टूटने की घटना इसी सरकार में हो रही है। प्रदेश में सरकार महागठबंधन की रही हो या एनडीए की, पुल गिरते रहे हैं और विपक्ष सरकार पर सवाल उठाता रहा है।

बताया जाता है कि बिहार में पुल-पुलियों के रखरखाव को लेकर कोई नीति नहीं है, जिस कारण पुराने पुलों की मॉनिटरिंग नहीं हो पाती है और बन रहे पुल-पुलियों में निर्माण सामग्री में गुणवत्ता का ख्याल नहीं रखा जाता है।

हालांकि सरकार अब इस मामले को लेकर सचेत दिख रही है। ग्रामीण कार्य विभाग ने अब पुल-पुलियों की ऑडिट करवाने का निर्णय लिया है। इसके लिए स्थानीय स्तर पर विभागीय अभियंताओं और अधिकारियों की तैनाती होगी। विभागीय ऐप के माध्यम से हर दिन ऑडिट से जुटाई गई जानकारी मुख्यालय भेजी जाएगी। इस आधार पर मुख्यालय स्तर से मॉनिटरिंग होगी।

सभी आंकड़े इकट्ठा होने के बाद इसकी दोबारा जांच की भी व्यवस्था की जायेगी। जुटाई गई तमाम जानकारियों के आधार पर पुल का ग्रेड तैयार होगा और इसके बाद पुल के मरम्मत या पूरी तरह से पुनर्निर्माण पर विचार किया जाएगा।

उल्लेखनीय है कि 18 जून को अररिया के सिकटी प्रखंड के बकरा नदी पर उद्घाटन के लिए तैयार पुल अचानक भरभराकर गिर गया। इस मामले को लेकर पथ निर्माण विभाग ने तत्काल कई इंजीनियरों को निलंबित कर दिया और एक जांच दल का गठन कर जांच की जिम्मेदारी दे दी।

पुल-पुलिया गिरने को लेकर प्रदेश में राजनीति भी खूब होती रही है। आंकड़ों पर गौर करें तो पिछले दो सालों में प्रदेश में नौ छोटे-बड़े पुल ध्वस्त या क्षतिग्रस्त हुए हैं।

पिछले 11 दिनों में सीवान, अररिया, पूर्वी चंपारण, किशनगंज में पुल गिरने के बाद शुक्रवार को मधुबनी के भुतही बलान नदी पर बन रहे एक निर्माणाधीन पुल का गर्डर गिर गया।

–आईएएनएस

एमएनपी/एसकेपी

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