Friday, September 20, 2024

हरदीप पुरी को क्यों रियल एस्टेट सेक्टर के रेग्यूलेटर Rera को लेकर देनी पड़ी ये नसीहत!


Real Estate Sector: बिल्डरों के मनमानी पर लगाम कसने, होमबायर्स को उनके आतंक से बचाने और सेक्टर में पारदर्शिता लाने के लिए 2016 में संसद में रेरा कानून ( Real Estate Regulation And Development Act) पास हुआ.  इस कानून के बनने के बाद सभी राज्यों को अपने यहां रियल एस्टेट सेक्टर के लिए रेग्यूलेटरी अथॉरिटी का गठन करना था. रेरा कानून के अस्तित्व में आने के बाद बिल्डरों पर लगाम लगाने में सफलता मिली है तो होमबायर्स को जबरदस्त फायदा हुआ है. लेकिन रेरा को लेकर इन दिनों केंद्रीय हाउसिंग मंत्रालय और उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के बीच खींचतान चल रहा है. 

टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक, दरअसल रियल एस्टेट सेक्टर में मुश्किलों का सामना कर रहे होमबायर्स की समस्या को दूर करने के लिए उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने हाल ही में स्टेकहोल्डरों के साथ एक बैठक की है. ये बैठक मंत्रालय ने तब की है जब देशभर में रियल एस्टेट रेग्युलेटरी अथॉरिटी यानि रेरा अस्तित्व में आ चुका है और ये हाउसिंग मिनिस्ट्री के तहत आता है. उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के मंत्री पीयूष गोयल हैं. इसी पर हाउसिंग मंत्रालय के मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि रियल एस्टेट सेक्टर से जुड़ी समस्याओं का निदान निकालने के लिए रियल एस्टेट रेग्यूलेटरी अथॉरिटी का गठन किया जा चुका है ऐसे में दूसरे सरकारी संस्थाओं या मंत्रालयों को कस्टमरर्स को फोरम शॉपिंग करने के लिए प्रोत्साहित करने से बचना चाहिए जिससे ग्राहकों को अपनी समस्या को लेकर अलग अलग जगहों पर जाना पड़े. उन्होंने सेंट्रल एडवाइजरी काउंसिल की बैठक में ये बातें कही है. 

रेरा के अस्तित्व में आने के बाद कंज्यूमर कमीशनों में रियल एस्टेट सेक्टर से जुड़ी शिकायतों में भारी कमी आई है. इसके बावजूद आयोग को मिलने वाले कुल शिकायतों में 10 फीसदी हिस्सा रियल एस्टेट सेक्टर से जुड़ा है. उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने होमबायर्स के हितों को ध्यान में रखने हुए बिल्डर-बायर एग्रीमेंट के मॉडल प्राविजनों का अध्ययन करने के लिए पैनल का गठन किया है. 

जिसपर हरदीप पुरी ने कहा कि अगर कंज्यूमर कमीशन इतना ही प्रभावी होता तो रियल एस्टेट रेग्यूलेटरी अथॉरिटी यानि रेरा बनाने की जरुरत नहीं पड़ती. उन्होंने कहा कि किसी भी सेक्टर से जुड़े समस्या का मुद्दा उसी फोरम में उठाया जाए जिसके लिए उसका गठन किया गया है वो भी तब जब संसद से कानून बनाकर इसका गठन किया गया है. हरदीप पुरी ने कहा कि रेरा को जब चुनौती दी गई तो कानून लड़ाई भी हमने जीती है ऐसे में रियल एस्टेट सेक्टर से जुड़े मुद्दे को लेकर दूसरे विभागों को हस्तक्षेप करने से बचना चाहिए. 

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