नई दिल्ली, 19 अक्टूबर (आईएएनएस)। रक्षा मंत्रालय का कहना है कि 18 अक्टूबर तक उनके विभिन्न विभागों में कुल 92,850 वर्ग फुट जगह खाली की गई है और 55.43 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ है। यह राजस्व बेकार हो चुके वाहनों की नीलामी और अन्य स्क्रैप तथा अप्रचलित ओटीईएम के निपटान के माध्यम से प्राप्त किया गया है।
रक्षा विभाग सहवर्ती स्वच्छता अभियान के साथ विशेष अभियान 3.0 के कार्यान्वयन चरण (02-31 अक्टूबर, 2023) के तीसरे सप्ताह में प्रवेश कर चुका है। रक्षा विभाग ने पूरे भारत में कुल 3066 स्थानों की पहचान की थी, जहां लोक-केंद्रित भागीदारी के साथ स्वच्छता अभियान चलाया जाना है। ये स्थान विभिन्न संगठनों जैसे रक्षा लेखा महानियंत्रक, सीमा सड़क संगठन, सैन्य अस्पताल, राष्ट्रीय कैडेट कोर महानिदेशालय, भारतीय तटरक्षक बल, सैनिक स्कूल, कैंटीन स्टोर विभाग और छावनियों से संबंधित हैं।
रक्षा मंत्रालय का कहना है कि 18 अक्टूबर तक ऐसे 1832 स्थलों को पहले ही कवर किया जा चुका था। मंत्रालय के मुताबिक, स्वच्छता अभियान के अंतर्गत ऐसी कुल 28,859 फाइलों की 18 अक्टूबर तक पहले ही समीक्षा की जा चुकी है और 16,485 ऐसी फाइलों को हटाने का प्रस्ताव है।
रक्षा मंत्रालय ने बताया कि जारी अभियान के दौरान तैनात सर्वोत्तम प्रकियाओं के हिस्से के रूप में देहरादून के छावनी बोर्ड ने पॉलीथीन कचरे के निपटान के लिए देहरादून छावनी क्षेत्र में ‘पॉलिथीन कचरा बैंक’ शुरू किया है। पॉलीथीन अपशिष्ट यानी चिप्स रैपर, पॉलिथीन पैकिंग बैग, पॉलिथीन की बोरियां आदि लोगों से 3 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से खरीदी जाती हैं। छावनी क्षेत्र में तीन स्थलों पर पॉलीथीन कचरा बैंकों के लिए संग्रह केंद्र स्थापित किए गए हैं। एकत्र किए गए पॉलीथीन कचरे का उपयोग हाई डेनसिटी कम्पोजिट पॉलिमर (एचडीसीपी) टाइल्स, बोर्ड आदि के विनिर्माण के लिए किया जाता है। कैंट बोर्ड हर महीने न्यूनतम 70 टन से लेकर अधिकतम 100 टन पॉलिथीन कचरे की खरीद करता है।
मंत्रालय के मुताबिक, लोग अपने घर के कोने में पॉलिथीन कचरे को स्टोर कर सकते हैं और पॉलिथीन कचरे की बिक्री के लिए महीने के किसी भी दिन निकटतम ‘पॉलिथीन कचरा बैंक’ में जा सकते हैं। इसके अलावा पॉलीथीन का कचरा घर से कचरा इकट्ठा करने वाले व्यक्ति को भी दिया जा सकता है।
–आईएएनएस
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