नई दिल्ली, 11 दिसंबर (आईएएनएस)। संसद में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच चल रहे गतिरोध और कांग्रेस नेताओं द्वारा अक्सर संविधान की प्रति दिखाए जाने पर मत्स्य पालन, पशुपालन एवं डेयरी तथा पंचायती राज मंत्रालय में राज्य मंत्री एस.पी. बघेल ने कांग्रेस को “आपातकाल लगाकर लोकतंत्र को खत्म करने की कोशिश” की याद दिलाई।
एस.पी. बघेल ने कहा, “संविधान को लेकर जो सबसे बड़ा खतरा था या है या हो चुका है वह था 25 जून 1975 को, जब इंदिरा गांधी ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय में केस हारने के बाद आपातकाल लगा दिया था। देश के संपूर्ण विपक्ष के बड़े से लेकर छोटे नेताओं को डीआईआर और मीसा में जेल भेज दिया। इसमें जयप्रकाश नारायण से लेकर अटल बिहारी वाजपेई और लालकृष्ण आडवाणी तक शामिल थे।”
उन्होंने कहा कि जिसने विचार व्यक्त करने की स्वतंत्रता छीन ली, जिसने प्रेस की आजादी छीन ली, वह आज संविधान की बात करते हैं तो हास्यास्पद लगता है। उस समय जयप्रकाश नारायण को भी बंद कर दिया था और उनकी किडनी खराब हो गई और उनको डायलिसिस पर जाना पड़ा। मेरी मेज पर रखी संविधान की पुस्तक में कुछ पन्नों की कमी है। वह पन्ने राहुल गांधी की दादी ने फाड़ कर फेंक दिए थे। उन्होंने देश में आपातकाल लगाया था। वह लोकतंत्र के लिए काला दिन था। अब वही लोग संविधान बचाने की बात करते हैं। संविधान की प्रतियां ले आते हैं। संविधान को वह एक खिलौने के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं जो उचित नहीं है। संविधान को बहुत सम्मान के साथ रखा जाता है।
उन्होंने कहा, “राहुल गांधी ने सभी लोगों को 2024 में बहकाने का प्रयास किया। उन्होंने कहा कि भाजपा की 400 पार सीटें आ गईं तो वह संविधान को बदल देगी। लोग उनके बहकावे में आए भी, लेकिन ये लोग इसके बाद भी सरकार नहीं बना पाए।”
–आईएएनएस
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