Aditya Thackeray Vs Eknath Shinde: शिवसेना (यूबीटी) नेता आदित्य ठाकरे के एक बयान से महाराष्ट्र में राजनीति गरमा गई है. आदित्य ठाकरे ने दावा किया है कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे जून 2022 में पार्टी से बगावत करने से पहले उनके घर आए थे और उन्होंने रोते हुए कहा था कि अगर बीजेपी में शामिल नहीं हुए तो केंद्रीय एजेंसी उन्हें गिरफ्तार कर लेगी. आदित्य ठाकरे के बयान पर सीएम शिंदे ने पलटवार किया है. उन्होंने आदित्य ठाकरे की उम्र को लेकर तंज कसा. आइये जानते हैं महाराष्ट्र के सियासी वार-पलटवार की 10 बड़ी बातें.
- आदित्य ठाकरे के बयान के एक दिन बाद शिंदे ने पलटवार किया. समाचार एजेंसी पीटाआई के मुताबिक, सीएम शिंदे ने गुरुवार (13 अप्रैल) को आदित्य ठाकरे के दावे खारिज करने और उनकी बात को हल्के में लेने की मांग करते हुए कहा कि 32 वर्षीय पूर्व कैबिनेट मंत्री अब भी यंग (छोटे) हैं.
- शिंदे नीत शिवसेना के विधायक संतोष बांगड़ ने आदित्य ठाकरे के दावे का खंडन किया और कहा कि बीजेपी से कोई खतरा नहीं था, जोकि राज्य में वर्तमान में सरकार का हिस्सा है. उन्होंने कहा कि ठाकरे परिवार के खिलाफ बगावत का कारण पार्टी का एनसीपी और कांग्रेस के साथ गठबंधन था.
- केंद्रीय मंत्री और बीजेपी के सहयोगी रामदास आठवले ने कहा कि शिंदे के खिलाफ लगाए गए आरोप गलत हैं. उन्होंने कहा कि शिंदे एक मजबूत व्यक्ति हैं और वह कभी नहीं रोएंगे.
- महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ने बुधवार (12 अप्रैल) को विशाखापत्तनम में एक विश्वविद्यालय के कार्यक्रम में कहा था कि 40 विधायकों ने अपनी सीट और धन के लिए शिवसेना नेतृत्व के खिलाफ विद्रोह किया था. आदित्य ने दावा किया था कि मौजूदा सीएम (शिंदे) हमारे घर आए थे और रोने लगे थे क्योंकि एक केंद्रीय एजेंसी उन्हें गिरफ्तार करने वाली थी और उन्होंने कहा था, ‘मुझे बीजेपी में शामिल होना होगा, नहीं तो वे मुझे गिरफ्तार कर लेंगे.’
- कांग्रेस के साथ अपनी पार्टी के गठबंधन का बचाव करते हुए आदित्य ठाकरे ने कहा कि उन्होंने अपने दादा के बारे में बीजेपी की ‘व्हाट्सऐप यूनिवर्सिटी’ की तुलना में थोड़ा ज्यादा सीखा है. आदित्य ठाकरे ने कहा, ”मेरे दादा (शिवसेना संस्थापक बाल ठाकरे) का पहले भी कांग्रेस के साथ गठजोड़ था. उनके गांधी परिवार के साथ पहले भी अच्छे संबंध थे. उन्होंने प्रणव मुखर्जी और प्रतिभा पाटिल (दोनों पूर्व राष्ट्रपतियों) का खुलकर समर्थन किया था, वहीं बीजेपी (राष्ट्रपति चुनाव के दौरान) एक अन्य उम्मीदवार खड़ा कर रही थी.” ठाकरे ने कहा कि दूसरी ओर बीजेपी ने पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP- जिसकी स्थापना मुफ्ती मोहम्मद सईद ने की थी) के साथ गठबंधन किया, जिसने ‘आतंकवादियों का समर्थन किया था.”
- गुरुवार एक कार्यक्रम में बोलते हुए आदित्य ठाकरे ने कहा कि जब वह 20 मई 2022 को दावोस में थे, तब तत्कालीन सीएम उद्धव ठाकरे ने शिंदे और उनके कैबिनेट सहयोगी को दक्षिण मुंबई स्थित मुख्यमंत्री के आधिकारिक आवास ‘वर्षा’ में बुलाया था और उनसे पूछा कि क्या वह मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं?
- शिवसेना (यूबीटी) नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत ने कहा कि आदित्य ठाकरे के दावे सही हैं. राउत ने कहा कि शिंदे मुंबई के भांडुप इलाके में उनके आवास पर भी आए थे और इसी तरह की बात कही थी कि वह जेल नहीं जाना चाहते हैं. राउत ने कहा कि उन्होंने शिंदे से कहा था कि वह डरें नहीं और अन्याय के खिलाफ आवाज उठाएं. उन्होंने कहा कि शिवसेना के कई विधायक (बगावत करने वालों) थे जिनके खिलाफ केंद्रीय एजेंसियां जांच कर रही थीं. उन्होंने दावा किया कि अब एनसीपी के खिलाफ भी ऐसा ही हो रहा है.
- शिवसेना विधायक संतोष बांगड़ ने कहा कि विद्रोह में सभी विधायकों ने एकनाथ शिंदे का समर्थन किया और बीजेपी से (केंद्रीय एजेंसियों का) कोई खतरा नहीं था.
- इस बीच ठाणे में पत्रकारों से बात करते हुए शिंदे नीत शिवसेना के प्रवक्ता नरेंश म्हस्के ने दावा किया कि जून 2022 में बगावत करते हुए विद्रोही विधायक गुवाहाटी में रुके थे, तब तत्कालीन सीएम उद्धव ठाकरे ने शिंदे को फोन किया था और उन्हें अपना (ठाकरे का) पद बचा लेने के लिए कहा था.
- एक सवाल के जवाब में म्हस्के ने कहा, ”मुख्यमंत्री शिंदे आम आदमी का प्रतिनिधित्व करते हैं. वह राज्य में हर नागरिक की परवाह करते हैं और सभी को समान समझते हैं.”