Friday, November 8, 2024

वर्ल्ड कप 2011 के आयोजन की चुनौतियों को रत्नाकर शेट्टी ने याद किया


नई दिल्ली, 24 सितंबर (आईएएनएस)। आईसीसी वनडे वर्ल्ड कप इसी साल भारत की मेजबानी में खेला जाएगा। क्रिकेट इतिहास में पहली बार ऐसा हो रहा है, जब पूरा वर्ल्ड कप ही भारत में खेला जाएगा। इसलिए, इसकी सफल मेजबानी के लिए बीसीसीआई खूब पसीना बहा रही है।

सभी टीमें 50 ओवर के क्रिकेट में सबसे बड़ा पुरस्कार जीतने की होड़ में व्यस्त होंगी। वहीं, भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) का भी एक प्रमुख आयोजन की मेजबानी करने के कौशल में परीक्षण किया जाएगा।

माना कि भारत ने 1987, 1996 और 2011 में पुरुष वनडे विश्व कप के मैचों की मेजबानी की है, लेकिन यह अन्य पड़ोसी बोर्डों के सहयोग के साथ हुआ था।

मगर, 2023 में भारत पूरे 48 मैच की मेजबानी अकेले करने वाला है। भारत ने 2011 में सिर्फ 29 मैचों की मेजबानी की थी- जहां श्रीलंका और बांग्लादेश को उस समय 12 और आठ मैच की मेजबानी मिली थी।

टूर्नामेंट के आगाज से पहले प्रोफेसर रत्नाकर शेट्टी, जो 2011 विश्व कप में टूर्नामेंट निदेशक थे। उन्होंने टूर्नामेंट के सफल आयोजन में आने वाली चुनौतियों को याद किया।

प्रोफेसर रत्नाकर शेट्टी ने आईएएनएस से कहा, “सबसे बड़ी चुनौती यह थी कि आठ में से तीन स्टेडियमों जैसे मुंबई, चेन्नई और कोलकाता में बड़े नवीनीकरण का काम चल रहा था। टीमों और टिकट धारकों के लिए वीजा की व्यवस्था हो रही थी, मैचों के दौरान सुरक्षा व्यवस्था हो रही थी। “

शेट्टी ने 2011 में आठ स्थानों- मुंबई, नागपुर, चेन्नई, बेंगलुरु, दिल्ली, मोहाली, अहमदाबाद और कोलकाता के बीच खेलों की मेजबानी के बारे में भी बात की, जो निर्माण कार्य पूरा होने में देरी के कारण भारत-इंग्लैंड मैच की मेजबानी ईडन गार्डन्स में करने से चूक गए थे।

उन्होंने कहा, “फाइनल मुंबई में खेला जाना था। राज्य इकाइयों को या तो भारत का मैच या नॉक आउट मैच चुनने के लिए कहा गया था। मोहाली और अहमदाबाद ने नॉक आउट गेम का विकल्प चुना और अहमदाबाद ने क्वार्टर फाइनल और मोहाली ने सेमीफाइनल को चुना।

कोलकाता को भारत-इंग्लैंड मुकाबले की मेजबानी करनी थी, लेकिन आईसीसी निरीक्षण दल ने घोषणा की कि स्टेडियम तैयार नहीं होगा। इसलिए, मैच को बेंगलुरु में स्थानांतरित कर दिया गया।

तब से, भारत ने इस वर्ष आईपीएल के विभिन्न संस्करणों और डब्ल्यूपीएल के उद्घाटन संस्करण की मेजबानी के अलावा, 2013 महिला एकदिवसीय विश्व कप और 2016 पुरुष टी20 विश्व कप की सफलतापूर्वक मेजबानी की, लेकिन विश्व कप में सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों और टीमों को खेलते हुए देखने के लिए टिकटों की कभी न खत्म होने वाली मांग रहती है, जो इस बार भी देखी जा रही है।

उन्होंने टिकट वितरण की पद्धति के बारे में 2011 की प्रणाली को भी याद किया और स्वीकार किया कि क्रिकेट विश्व कप मैचों के लिए बिक्री के लिए आने वाले टिकटों पर हमेशा एक बड़ी बाधा रहती है।

2023 विश्व कप से पहले, आम जनता और मास्टरकार्ड धारकों के लिए बिक्री के लिए कम संख्या में टिकट रखे जाने को लेकर सोशल मीडिया पर प्रशंसकों ने भारी नाराजगी जताई है।

–आईएएनएस

एएमजे/आरआर


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