Sunday, February 23, 2025

लखनऊ : कांग्रेस विधायक आराधना मिश्रा ने सरकार की नीतियों पर उठाए सवाल


लखनऊ, 18 फरवरी (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश विधानसभा का बजट सत्र मंगलवार से शुरू हुआ। सत्र की शुरुआत के साथ ही विपक्ष ने हंगामा कर दिया। समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता अस्थि कलश लेकर विधानसभा पहुंचे और सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। विपक्ष ने महाकुंभ में मारे गए श्रद्धालुओं को श्रद्धांजलि देने की मांग उठाई और सरकार पर अनदेखी का आरोप लगाया।

कांग्रेस विधायक आराधना मिश्रा ‘मोना’ ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि अब तक प्रदेश में जो भी बजट पेश किए गए, उनमें से 50% से अधिक राशि खर्च ही नहीं की गई। कई विभाग ऐसे हैं, जिनका बजट सही तरीके से उपयोग नहीं हुआ। उन्होंने सरकार पर जनता को भ्रमित करने का आरोप लगाते हुए कहा कि केवल बड़े-बड़े आंकड़े पेश करने से विकास नहीं होता, बल्कि जनता तक उसका लाभ पहुंचना चाहिए।

आराधना मिश्रा ने कहा कि बजट सत्र के दौरान प्रदेश के अहम मुद्दों जैसे किसानों की समस्याओं, बेरोजगारी, महंगाई और कानून व्यवस्था पर चर्चा होनी चाहिए। लेकिन, सरकार हर बार चर्चा से बचती है।

उन्होंने आरोप लगाया कि पिछली बार भी विपक्ष की मांग के बावजूद सरकार ने बजट सत्र को जल्दी समाप्त कर दिया था। इस बार भी 18 फरवरी से 5 मार्च तक का सत्र तय किया गया है, लेकिन सरकार का ट्रैक रिकॉर्ड बेहद खराब रहा है। उन्होंने मांग की कि सत्र को पूरी तरह चलाया जाए, मदवार चर्चा हो और जो सही सुझाव आएं, उन्हें स्वीकार किया जाए।

महाकुंभ में अव्यवस्थाओं और मारे गए श्रद्धालुओं को लेकर सपा की मांग पर आराधना मिश्रा ने सहमति जताई। उन्होंने कहा कि अगर प्रशासन की लापरवाही से किसी व्यक्ति की जान जाती है तो सरकार को संवेदना व्यक्त करनी चाहिए। यह सरकार की जिम्मेदारी बनती है कि वह मृतकों को श्रद्धांजलि दे और उनकी मौत की जांच कराए।

इस दौरान सुप्रीम कोर्ट द्वारा कुशीनगर में मस्जिद के हिस्से को गिराने के मामले में यूपी प्रशासन को अवमानना नोटिस जारी किए जाने पर भी उन्होंने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि भारत का संविधान सभी नागरिकों को अपनी आस्था और धर्म के अनुसार पूजा करने का अधिकार देता है। यदि सुप्रीम कोर्ट को धर्म और आस्था की सुरक्षा के लिए दखल देना पड़ रहा है, तो यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।

उन्होंने कहा कि सरकार को सभी धर्मों का सम्मान करना चाहिए और किसी भी धार्मिक स्थल पर ऐसी कार्रवाई नहीं होनी चाहिए, जो संविधान के खिलाफ हो।

इसके अलावा गंगा नदी में बढ़ते प्रदूषण पर भी कांग्रेस विधायक ने सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि गंगा केवल एक नदी नहीं, बल्कि करोड़ों लोगों की आस्था का केंद्र है। सरकार अपनी नैतिक जिम्मेदारियों को निभाने में पूरी तरह विफल रही है। नमामि गंगे परियोजना, जिसे सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट बताया गया था, पूरी तरह से निष्क्रिय साबित हुई है। अभी भी कई अनट्रीटेड ड्रेनेज का पानी गंगा में गिर रहा है, जिससे नदी प्रदूषित हो रही है।

–आईएएनएस

पीएसएम/एबीएम


Related Articles

Latest News