Friday, February 21, 2025

यूपी बजट 2025 : 3 करोड़ किसानों को 80 हजार करोड़ रुपये की सम्मान निधि समेत मिली ये सौगातें


लखनऊ, 20 फरवरी (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने वित्त वर्ष 2025-2026 के लिए 8 लाख 8 हजार 736 करोड़ 6 लाख रुपये का ऐतिहासिक बजट विधानसभा में पेश किया। यह उत्तर प्रदेश के इतिहास में अबतक का सबसे बड़ा बजट है।

बजट में वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने अन्नदाता किसानों के उत्थान को लेकर योगी सरकार के प्रयासों को बताया। साथ ही किसान हित से जुड़ी योजनाओं और उनके उत्थान के बारे में उन्होंने योगी सरकार के निरंतर प्रयासों से भी सदन को अवगत कराया। वहीं किसानों के लिए प्रस्तावित योजना और आवंटित धनराशि के बारे में भी जानकारी दी।

बजट में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के अंतर्गत लगभग 3 करोड़ कृषकों को लगभग 79,500 करोड़ रुपये की धनराशि डीबीटी के माध्यम से हस्तांतरित की गई। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनान्तर्गत वित्तीय वर्ष 2024-2025 में लगभग 10 लाख बीमित कृषकों को लगभग 496 करोड़ रुपये की क्षतिपूर्ति का भुगतान कराया गया।

इसके अलावा पीएम कुसुम योजना के अंतर्गत वर्ष 2024 में कृषकों के प्रक्षेत्रों पर विभिन्न क्षमता के कुल 22,089 सोलर पम्पों की स्थापना कराई जाएगी। कृषकों को दुर्घटनावश मृत्यु या दिव्यांगता की स्थिति में मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना दिनांक 14 सितंबर, 2019 से लागू की गई है।

कृषकों को गन्ना मूल्य भुगतान समय से सुनिश्चित कराने हेतु वर्ष 2017 से एस्क्रो एकाउंट मैकेनिज्म प्रारंभ किया गया है, जिसके फलस्वरूप चीनी मिलों में गन्ना मूल्य मद की धनराशि के व्यावर्तन पर पूर्ण अंकुश लगा है।

वर्तमान सरकार द्वारा वर्ष 2017 से अब तक लगभग 46 लाख गन्ना किसानों को लगभग 2,73,000 करोड़ रुपये का रिकॉर्ड गन्ना मूल्य भुगतान कराया गया है।

यह गन्ना मूल्य भुगतान इसके पूर्व के 22 वर्षों के सम्मिलित गन्ना मूल्य से 59,143 करोड़ रुपये अधिक है।

औसत गन्ना उत्पादकता 72 टन प्रति हेक्टेयर से बढ़कर 85 टन प्रति हेक्टेयर बढ़ जाने से किसानों की आय में औसतन 370 रुपये प्रति क्विंटल की दर से 43,364 रुपये प्रति हेक्टेयर की वृद्धि हुई।

इसके लिए शोध संस्थानों के वैज्ञानिक, छात्र तथा हमारे परिश्रमी किसान भाई बधाई के पात्र हैं।

प्रदेश में दलहन एवं तिलहन फसलों के क्षेत्राच्छादन, उत्पादन एवं उत्पादकता में वृद्धि के उद्देश्य से निःशुल्क मिनीकिट वितरण कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है।

उक्त दोनों योजनाओं हेतु 50 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

प्रदेश को प्रमाणित बीज उत्पादन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए उत्तर प्रदेश बीज स्वावलंबन नीति, 2024 के अंतर्गत प्रदेश में सीड पार्क विकास परियोजना संचालित है, जिसके लिए 251 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

नेशनल मिशन ऑन नेचुरल फॉर्मिंग योजना के अंतर्गत प्रदेश के समस्त जनपदों में प्राकृतिक खेती का कार्यक्रम संचालित किया जाएगा, जिसके लिए 124 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

पीएम कुसुम योजना के अंतर्गत कृषकों के प्रक्षेत्रों पर सोलर पम्पों की स्थापना कराई जा रही है, इसके लिए 509 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

कृषि क्षेत्र की क्षमता एवं कौशल विकास तथा उत्पादन वृद्धि की योजना के लिए 200 करोड़ रुपये एवं विश्व बैंक सहायतित यूपी एग्रीज परियोजना के लिए 200 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

कृषि शिक्षा, शोध एवं प्रसार कार्यों में गतिशीलता बनाए रखने तथा प्रभावी परिणाम कृषकों को उपलब्ध कराने की दृष्टि से प्रदेश में पांच कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय स्थापित करने की घोषणा की गई है। प्रदेश में 20 नए कृषि विज्ञान केन्द्रों की स्थापना की जाएगी। प्रदेश में कुल 89 कृषि विज्ञान केंद्र संचालित हैं। जनपद कुशीनगर में महात्मा बुद्ध कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय की स्थापना हेतु 100 करोड़ रुपये देने की घोषणा की गई है। कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालयों में शोध कार्यक्रम हेतु 25 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। प्रदेश में स्थापित कृषि विश्वविद्यालयों/महाविद्यालयों में विभिन्न कार्यों हेतु लगभग 86 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित किया गया है।

–आईएएनएस

एसके/जीकेटी


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