कोलकाता, 21 फरवरी (आईएएनएस)। पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने गुरुवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की आलोचना करते हुए कहा कि उन्होंने हिंदू भावनाओं को ठेस पहुंचाई है और उन्हें इसका पछतावा भी नहीं है।
शुभेंदु अधिकारी ने कहा, “सबसे बड़ी त्रासदी यह है कि मुख्यमंत्री को इस सप्ताह की शुरुआत में सदन में उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ को ‘मृत्यु कुंभ’ बताकर हिंदू भावनाओं को ठेस पहुंचाने के अपने कदम का कोई पछतावा नहीं है।”
पश्चिम बंगाल विधानसभा से भाजपा विधायक दल के सदस्यों के एक दल द्वारा राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस से मुलाकात कर मामले में हस्तक्षेप की मांग करते हुए ज्ञापन सौंपे जाने के बाद गुरुवार दोपहर अधिकारी ने मीडियाकर्मियों से कहा, “अगर उन्होंने गलती से बयान दिया होता तो वह उसे वापस ले सकती थीं और इसके लिए माफी मांग सकती थीं। लेकिन सदन में बयान देने के 48 घंटे बीत जाने के बाद भी उन्होंने ऐसा नहीं किया।”
“मृत्यु कुंभ” टिप्पणी को लेकर मुख्यमंत्री की आलोचना करने के अलावा, भाजपा विधायकों ने विपक्ष के नेता सहित चार भाजपा विधायकों को एक महीने के लिए सदन से निलंबित करने के मामले में भी राज्यपाल के हस्तक्षेप की मांग की।
अधिकारी ने यह भी दावा किया कि बातचीत के दौरान राज्यपाल ने महाकुंभ को “महा मृत्युंजय कुंभ” बताया।
सुवेंदु अधिकारी ने कहा, “मुख्यमंत्री ने इसे ‘मृत्यु कुंभ’ बताया। इसके विपरीत, राज्यपाल ने इस आयोजन को ‘महा मृत्युंजय कुंभ’ बताया। यह पारंपरिक हिंदुओं की आस्था को दर्शाता है। इसलिए पारंपरिक हिंदू भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाले मुख्यमंत्री के बयानों के खिलाफ हमारा विरोध जारी रहेगा।”
अधिकारी ने कहा, “हमने राज्यपाल से व्यक्तिगत रूप से हस्तक्षेप करने और यह सुनिश्चित करने का अनुरोध किया है कि ‘मृत्यु कुंभ’ पर मुख्यमंत्री का बयान राज्य विधानसभा के रिकॉर्ड से हटा दिया जाए। हमने राज्यपाल से इस मामले में सदन के अध्यक्ष को निर्देश देने का अनुरोध किया है। हम नहीं चाहते कि भविष्य में इस महान सदन के रिकॉर्ड में ऐसी टिप्पणियां हों।”
इस अवसर पर उन्होंने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री हाल ही में अपनी हिंदू पहचान के प्रति जागरूक हो गई हैं और अक्सर इस पहचान के बारे में दावे करती रहती हैं।
अधिकारी ने कहा, “ऐसा इसलिए है क्योंकि उन्हें पता चल गया है कि पश्चिम बंगाल में हिंदू आबादी के बीच उनके और उनकी पार्टी के बारे में नकारात्मक दृष्टिकोण विकसित हो गया है।”
–आईएएनएस
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