Saturday, November 23, 2024

महाराष्ट्र चुनाव में बढ़े वोटिंग प्रतिशत का फायदा 'महायुति' को तय : शिवसेना


मुंबई, 22 नवंबर (आईएएनएस)। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजों की घोषणा से ठीक एक दिन पहले शुक्रवार को शिवसेना नेता एवं पार्टी प्रवक्ता राजू वाघमारे ने न्यूज एजेंसी आईएएनएस से खास बातचीत की। इस दौरान उन्होंने महाराष्ट्र चुनाव में बढ़े वोटिंग प्रतिशत, एग्जिट पोल के रुझानों और मुख्यमंत्री के चेहरे पर अपनी प्रतिक्रिया दी।

शिवसेना नेता राजू वाघमारे ने कहा कि विधानसभा चुनाव में मतदान प्रतिशत बढ़ा है। इसके पीछे दो-तीन कारण है। ‘मुख्यमंत्री लाडली बहन योजना’ महाराष्ट्र में लोकप्रिय हुआ, जिसके तहत हम लोगों ने 2.50 करोड़ बहनों को लाभ पहुंचाया है। यही कारण है कि हर पोलिंग बूथ पर महिलाओं की भागीदारी बढ़ी है।

उन्होंने आगे कहा कि लोकसभा चुनाव में ‘महाविकास अघाड़ी’ ने दलितों और आरक्षण के खिलाफ फेक नैरेटिव पेश किया था, वहीं एक विशेष समुदाय ने 100 प्रतिशत वोटिंग किया था। इसके बाद दूसरे समुदाय के लोगों ने भी निर्णय लिया कि अगर वो पूरा वोटिंग कर सकते हैं, तो फिर हम क्यों नहीं कर सकते हैं? लोकसभा चुनाव में मुस्लिम समाज के लोगों ने वोटिंग किया और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में पूरे हिंदू समाज के लोगों ने वोटिंग करने का निर्णय लिया। इन दो कारणों से वोटिंग बढ़ी है। वहीं, दोनों कारणों से हमारे पक्ष में ही वोट पड़े हैं। बढ़े हुए वोटिंग प्रतिशत का फायदा ‘महायुति’ को होगा।

शिवसेना नेता ने दावा किया कि सरकार जिस तरीके से जनकल्याणकारी योजनाएं, लोगों के बीच में लेकर गई है, उससे निश्चित है कि प्रदेश में ‘महायुति’ की सरकार बनेगी। भाजपा, शिवसेना और एनसीपी की ‘महायुति’ को निश्चित रूप से 165 सीटें मिलेंगी। इससे ज्यादा सीटें आ सकती हैं, लेकिन कम नहीं होगा।

शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत के एग्जिट पोल के नतीजों को फर्जी बताने से जुड़े सवाल पर वाघमारे ने कहा कि उनको पता है कि वो आने वाले नहीं हैं, ऐसे में बात करने में क्या जाता है। वो लोग ऐसा कौन सा मुद्दा लेकर जनता के बीच गए कि जनता उनको वोट करेगी। सीट और मुख्यमंत्री के लिए उनके गठबंधन में झगड़ा है।

उन्होंने कहा कि हमारे मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव लड़ा गया है। तीनों पार्टियों ने उनके नेतृत्व को सहमति दी। चुनाव जीतने के बाद अगर सीएम पद की बारी आती है, तो सीधी बात है कि एकनाथ शिंदे का पलड़ा भारी रहने वाला है। महाराष्ट्र में उनकी प्रसिद्धि भी है और वह बेदाग भी रहे हैं। लेकिन, शीर्ष नेता जो भी फैसला लेंगे, वो महायुति और हमें मंजूर रहेगा।

–आईएएनएस

एससीएच/एबीएम


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