Monday, February 24, 2025

महाकुंभ में बंगाल के राज्यपाल सीवी बोस, आरपी सिंह और रोहन जेटली ने लगाई आस्था की डुबकी


महाकुंभ नगर, 17 फरवरी (आईएएनएस)। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस महाकुंभ 2025 में शामिल होने के लिए प्रयागराज पहुंचे। उन्होंने महाकुंभ को भारतीय संस्कृति और परंपरा का अद्भुत प्रतीक बताया। उन्होंने कहा, ”महाकुंभ भारत की महान संस्कृति और परंपराओं का सर्वोत्तम उदाहरण है। यह सभी भारतीयों के लिए गर्व की बात है कि दुनिया का सबसे बड़ा जनसमूह यहां स्वेच्छा से आकर ‘अहम ब्रह्मास्मि’ के अर्थ को समझना चाहता है।”

राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने आगे कहा, ”भारत एक महान शक्ति से संचालित होता है, जिसकी जड़ें हमारी समृद्ध संस्कृति और विरासत में हैं। महाकुंभ इसी शक्ति और संस्कृति का प्रतीक है। महाकुंभ 2025 केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि भारतीय एकता, संस्कृति और परंपराओं का अद्वितीय संगम है।”

दिल्ली क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष रोहन जेटली ने भी पवित्र संगम में आस्था की डुबकी लगाई। इस अवसर पर उन्होंने कहा, ”अपनी पत्नी के साथ महाकुंभ 2025 का दिव्य अनुभव प्राप्त कर धन्य और सौभाग्यशाली महसूस कर रहा हूं। इस विशाल आयोजन और अपार जनसमूह के बावजूद स्थानीय प्रशासन ने अत्यंत कुशल और उत्कृष्ट प्रबंधन किया है। उनकी मेहनत और समर्पण के लिए हृदय से सराहना करता हूं।”

प्रसिद्ध भारतीय क्रिकेटर आरपी सिंह ने महाकुंभ 2025 में पवित्र स्नान के बाद अपने अनुभव साझा किए। उन्होंने आयोजन के प्रबंधन की सराहना करते हुए इसे अविस्मरणीय बताया। आरपी सिंह ने कहा, “यह मेरा दूसरा कुंभ है। यहां दोबारा आकर और महाकुंभ स्नान का अवसर पाकर मैं स्वयं को सौभाग्यशाली महसूस कर रहा हूं। यह कल्पना करना भी कठिन है कि 50 करोड़ लोगों को कैसे संभाला जा सकता है, लेकिन सरकार ने इसे बेहद शानदार तरीके से संभाला है।”

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सांसद अजय भट्ट ने महाकुंभ में श्रद्धालुओं के उत्साह और आस्था की सराहना की। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को इस ऐतिहासिक आयोजन के लिए बधाई दी। अजय भट्ट ने कहा, ”मैं प्रधानमंत्री मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी को बधाई देता हूं। यहां श्रद्धालुओं की अटूट आस्था देखने को मिल रही है। यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं को कुछ परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, फिर भी वे यहां बड़ी संख्या में आ रहे हैं। यह उनकी गहरी श्रद्धा और आस्था का प्रमाण है।”

–आईएएनएस

एसके/एबीएम


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