Wednesday, February 5, 2025

महाकुंभ पर जया बच्चन के बयान पर प्रमोद कृष्णम ने कहा, भगवान उन्हें सद्बुद्धि दें


मुरादाबाद, 4  फरवरी (आईएएनएस)। समाजवादी पार्टी की सांसद जया बच्चन ने कुंभ मेले के बारे में विवादित टिप्पणी करते हुए कहा कि मेले का पानी बहुत प्रदूषित है क्योंकि भगदड़ में जान गंवाने वालों के शव नदी में फेंक दिए गए। इस पर आचार्य प्रमोद कृष्णम ने समाजवादी पार्टी सांसद को खरी खोटी सुनाई है।

उन्होंने कहा, “हमारे देश में यह विडंबना है कि कुछ लोग भारत, भारतीय संस्कृति और भारतीय संस्कारों से स्नेह नहीं करते। ये न सिर्फ भारत के लिए, बल्कि सनातन धर्म के लिए भी खतरनाक है। कुंभ मेले में करोड़ों लोगों की आस्था को वे नहीं देख पाते और सिर्फ आलोचना करते हैं। यह दुर्भाग्यपूर्ण है। महाकुंभ हमारे विश्वास का एक महान पर्व है, जो केवल भारत का नहीं, बल्कि पूरी दुनिया का एक बड़ा आयोजन है, जहां 40 करोड़ से अधिक लोग स्नान करते हैं, पूजा-अर्चना करते हैं और वंदना करते हैं। इस पर हमला करना भारत की संस्कृति और संस्कारों पर हमला है। जया बच्चन से अभी तक अमिताभ बच्चन दुखी थे और अब वह ऐसी कोशिश कर रही हैं कि उनसे पूरा सनातन दुखी हो जाए। मैं प्रार्थना करता हूं कि जया बच्चन को सद्बुद्धि प्राप्त हो और वे एक अच्छे सनातनी की तरह व्यवहार करें, न कि नास्तिक या वामपंथी की तरह।”

इसके बाद, एआईएमआईएम के असदुद्दीन ओवैसी के वक्फ बिल में संशोधन के बारे में उन्होंने कहा, “असदुद्दीन ओवैसी इस देश को तोड़ना चाहते हैं। वे एक बहुत ही शिक्षित और विद्वान वकील हैं, संसद के सम्मानित सदस्य हैं, लेकिन हाल ही में उनके व्यवहार में जिन्ना की छाया दिखाई दे रही है। मैं उनसे अनुरोध करता हूं कि वे जिन्ना के विचारों को छोड़ दें, और अगर वह ऐसा नहीं कर सकते, तो पाकिस्तान में जाकर राजनीति करें।”

बॉलीवुड अभिनेत्री ममता कुलकर्णी के पैसे देकर महामंडलेश्वर बनने की खबरों पर प्रमोद कृष्‍णम ने कहा, “मुझे नहीं लगता कि कोई व्यक्ति पैसे देकर महामंडलेश्वर बन सकता है। यदि ममता कुलकर्णी को यह पद मिला है, तो इसका जवाब या तो उन्हें देना चाहिए, या जिन्होंने उन्‍हें यह पद दिया है, क्योंकि मेरे पास इस बारे में कोई जानकारी नहीं है।”

अंत में, उत्तराखंड के बाद गुजरात में यूसीसी लागू होने के बारे में उन्होंने कहा, “पूरे देश में समान नागरिक संहिता लागू होनी चाहिए, ताकि भारत में जन्में हर व्यक्ति को समान अधिकार मिल सके। यह हिंदुस्तान के भविष्य के लिए बहुत जरूरी है।”

–आईएएनएस

पीएसएम/सीबीटी


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