नई दिल्ली, 3 फरवरी (आईएएनएस)। बजट के बाद अब निवेशकों का फोकस 7 फरवरी को आने वाले भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) के फैसले पर होगा। यह जानकारी सोमवार को जारी हुई एक रिपोर्ट में दी गई।
अनुमानों के मुताबिक, आरबीआई एमपीसी बाजार में लिक्विडिटी बढ़ाने के लिए रेपो रेट में 25 आधार अंक की कटौती कर सकता है। नए आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा के आने के बाद यह पहली एमपीसी बैठक है।
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड (एमओएफएसएल) की रिपोर्ट के अनुसार, आम बजट 2025-26 पूंजीगत व्यय (कैपेक्स) से उपभोग और बचत पर ध्यान केंद्रित करने का संकेत देता है। हालांकि, अभी भी राजकोषीय घाटे के समेकन को प्राथमिकता दी गई है।
पिछले वर्षों से अलग हटकर, बजट में केवल पूंजीगत व्यय पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय उपभोग और बचत को प्रोत्साहित करने का विकल्प चुना गया। इसकी वजह खपत का कमजोर होना और अर्थव्यवस्था का धीमा होना था।
रिपोर्ट में बताया गया कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकलुभावन उपायों का सहारा लिए बिना उपभोग को बढ़ावा देने के लिए राजकोषीय रुख को समायोजित करने में लचीलापन दिखाया है।
बजट में राजकोषीय अनुशासन भी बनाए रखा गया है, जिसके तहत वित्त वर्ष 2025-26 के लिए राजकोषीय घाटे का लक्ष्य 4.4 प्रतिशत निर्धारित किया गया है।
रिपोर्ट में आगे बताया गया कि बजट घोषणाओं के बाद अब बाजार का ध्यान पुनः आय तथा 7 फरवरी को होने वाली आरबीआई मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की आगामी बैठक पर होगा।
रिपोर्ट के मुताबिक, आय धीमी गति से बढ़ने की उम्मीद है। कर के बाद निफ्टी का मुनाफा वित्त वर्ष 25 में 5 प्रतिशत और वित्त वर्ष 26 में 16 प्रतिशत बढ़ने का अनुमान है। मिडकैप और स्मॉलकैप की अपेक्षा लार्जकैप पहली पसंद रहेंगे। निफ्टी एक वर्ष के फॉरवर्ड आधार पर 19.9 गुना पर कारोबार कर रहा है। वहीं, निफ्टी की अपेक्षा मिडकैप और स्मॉलकैप प्रीमियम पर है।
–आईएएनएस
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