Thursday, November 7, 2024

पाकिस्तान में केपी सरकार का चेयरलिफ्ट बंद करने का फैसला, स्थानीय लोगों का विरोध


इस्लामाबाद, 24 अगस्त (आईएएनएस)। बट्टाग्राम चेयरलिफ्ट घटना के बाद, सरकार ने प्रांत भर में ऐसे सभी चेयरलिफ्ट को बंद करने का फैसला किया है। गौरतलब है कि पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में हुई घटना में बच्‍चों सहित कम से कम आठ लोग 12 घंटे से अधिक समय तक हवा में फंसे रहे।

केपी सरकार के विश्वसनीय सूत्र इस बात की पुष्टि करते हैं कि सभी अस्थायी चेयरलिफ्टों को बंद करने का निर्णय ऐसे लिफ्टों के सभी मालिकों को उनके संचालन से पहले प्रांतीय सरकार से अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) प्राप्त करने के निर्देश के साथ लिया गया है।

यह निर्णय बट्टाग्राम के पुश्तो क्षेत्र में एक अस्थायी चेयरलिफ्ट के बाद आया है, जिसका उपयोग स्थानीय लोगों को एक पहाड़ से दूसरे पहाड़ तक दैनिक आवागमन के लिए किया जाता है। एक दुर्घटना में लिफ्ट को पकड़ने वाले तारों में से एक टूट गया, इससे जमीनर से कम से कम 800 फीट ऊपर आठ लोग बीच हवा में लटक गए।

मंगलवार सुबह 8.30 बजे हुई इस घटना के बाद पाकिस्तानी सेना को बचाव अभियान चलाना पड़ा। इसके हेलीकॉप्टरों ने चेयरलिफ्ट के करीब पहुंचने के कई असफल प्रयास किए। कई प्रयासों के बाद, कम से एक व्यक्ति को पाकिस्तान सेना के हेलीकॉप्टर द्वारा बचाया गया, जबकि शेष सात लोगों को एक स्थानीय शख्‍स साहिब खान के वीरतापूर्ण प्रयास से बचाया गया, जिन्होंने अपनी जान जोखिम में डालकर फंसे हुए लोगों को एक ग्राउंड पॉइंट से रस्सी खींचकर लिफ्ट तक पहुंचाया और यह सुनिश्चित किया सभी सात व्यक्तियों का सफल रेस्क्यू हाेे।

इस घटना ने प्रांतीय सरकार के अधिकारियों को इस पर ध्यान देने और पूरे प्रांत में ऐसे सभी अस्थायी चेयर लिफ्टों की जांच प्रक्रिया शुरू करने के लिए प्रेरित किया।

लेकिन स्थानीय लोगचेयर लिफ्ट सेवाओं को बंद करने का विरोध करते हैं। इस निर्णय की सराहना नहीं करते हैं।

उनका कहना है कि “ये अस्थायी चेयरलिफ्ट हमारे दैनिक आवागमन का एकमात्र स्रोत हैं। हमारे बच्चे रोजाना स्कूल जाते हैं और अपने घरों से पहाड़ के दूसरी ओर जाने के लिए इन लिफ्टों का उपयोग करते हैं। सरकार उन्हें बंद करना चाहती है लेकिन उनके पास कोई वैकल्पिक सुविधा नहीं है।” बट्टाग्राम के एक स्थानीय निवासी ने कहा, हम उन्हें बंद नहीं करने देंगे।

एक अन्य स्थानीय व्यक्ति ने कहा, “ये लिफ्टें जोखिम भरी हो सकती हैं, लेकिन क्या हमारे पास कोई अन्य विकल्प है? ये लिफ्टें हमारे स्थानीय परिवहन का साधन हैं। यदि वे बंद हो गईं, तो हम फंसे रह जाएंगे।”

–आईएएनएस

सीबीटी


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