Home मनोरंजन देव आनंद ने हिंदी सिनेमा की सभी प्रतिभाशाली अभिनेत्रियों को मंत्रमुग्ध किया

देव आनंद ने हिंदी सिनेमा की सभी प्रतिभाशाली अभिनेत्रियों को मंत्रमुग्ध किया

0
देव आनंद ने हिंदी सिनेमा की सभी प्रतिभाशाली अभिनेत्रियों को मंत्रमुग्ध किया

[ad_1]

नई दिल्ली, 24 सितंबर (आईएएनएस)। देव आनंद ने अपने 88 साल लंबे जीवन का तीन-चौथाई हिस्सा अभिनय में बिताया। इनमें से साढ़े छह दशक यानी आधे से ज्यादा दशक में देव आनंद ने मुख्य (रोमांटिक) भूमिका निभाई।

देव आनंद को चार नहीं तो कम से कम तीन पीढ़ी की नायिकाओं के साथ जोड़ा गया, क्योंकि वह अपने शुरुआती दिनों से आगे बढ़े, जहां उनकी सह-अभिनेत्री बड़ी स्टार थीं। उस समय जब ज्यादातर अभिनेत्रियां उनके साथ काम करने के लिए उत्सुक थीं, क्योंकि वह अपने आकर्षक व्यवहार और विजयी मुस्कान के साथ सफलता की ओर बढ़ रहे थे।

कमला कोटनिस, कामिनी कौशल, खुर्शीद बानो, निम्मी या शकीला — उनकी अधिकांश शुरुआती एक्ट्रेसस का कहना है कि देव आनंद ने उनके साथ सफल साझेदारी की। मीना कुमारी से मुमताज, आशा पारेख से जीनत अमान और गीता बाली से योगिता बाली तक तीन दशकों की प्रमुख अभिनेत्रियों के साथ उनकी साझेदारियां शानदार रही।

सुरैया : देव आनंद की पहली हिट जोड़ी सुरैया के साथ थी। केएल सहगल के निधन और नूरजहां के जाने के बाद हिंदी फिल्मों की आखिरी गायिका सुरैया और उनका इरादा वास्तविक जीवन में भी अपनी ऑनस्क्रीन केमिस्ट्री को दोहराने का था, लेकिन पूर्वाग्रह के कारण ऐसा नहीं हुआ।

विद्या (1948) इस जोड़ी की पहली फिल्म थी। उनके बीच केमिस्ट्री तब और गहरी हो गई, जब शूटिंग के दौरान वह एक झील में गिर गईं और देव आनंद ने उन्हें बाहर निकाला। सुरैया ने ही सबसे पहले उनकी तुलना ग्रेगरी पेक से की थी। ‘जीत’, ‘शायर’ (दोनों 1949), ‘अफसर’, ‘नीली’ (दोनों 1950), ‘सनम’ और ‘दो सितारे’ (दोनों 1951) उनके बंधन टूटने से पहले उनकी अन्य फिल्में थीं।

कल्पना कार्तिक : सुरैया के बाद, देव आनंद ने सौंदर्य प्रतियोगिता की विजेता मोना सिंघा के साथ एक सफल साझेदारी की, जिसे उनके बड़े भाई चेतन आनंद ने स्क्रीन नाम दिया जिसके नाम से वह आज भी जानी जाती हैं। उन्होंने ‘आंधियां’ (1952), ‘हमसफ़र’ (1953), ‘टैक्सी ड्राइवर’ (1954) में देव आनंद के साथ अभिनय किया। फिल्म से ब्रेक के बाद उन्होंने शादी की। बाद में उन्होंने हाउस नंबर 44 (1955), और नौ दो ग्यारह (1957) के बाद अभिनय को अलविदा कह दिया।

हालांकि, उन्होंने फ़िल्में पूरी तरह से नहीं छोड़ीं, उन्होंने ‘तेरे घर के सामने’ (1963), ‘जानेमन’ (1976) और ‘ज्वेल थीफ’ (1967) और ‘प्रेम पुजारी’ (1970) तक कम से कम छह देव आनंद की फिल्मों में सहयोगी निर्माता के रूप में काम किया।

इनके अलावा भी देव आनंद ने एक्ट्रैसस नलिनी जयवंत, गीता बाली, मधुवाला, नूतन, वहीदा रहमान, नंदा, सुचित्रा सेन, वैजयंती माला, मुमताज, ज़ीनत अमान और हेमा मालिनी के साथ फिल्मों में काम किया।

–आईएएनएस

एफजेड/एसकेपी

[ad_2]

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here