रांची, 4 अक्टूबर (आईएएनएस)। ईडी ने झारखंड में सत्ता के गलियारे में सक्रिय रहे पावर बोक्रर विशाल चौधरी और सीनियर आईएएस राजीव अरुण एक्का की सांठगांठ से करीब 200 करोड़ रुपए के भ्रष्टाचार के सबूत जुटाए हैं। एजेंसी ने जुटाए गए सबूतों और ब्योरों पर एक रिपोर्ट राज्य सरकार और एंटी करप्शन ब्यूरो के साथ साझा की है।
ईडी ने राज्य सरकार से इन सबूतों के आधार पर एफआईआर दर्ज कराने को कहा है। रिपोर्ट में बताया गया है कि इन्होंने राज्य में अफसरों की ट्रांसफर-पोस्टिंग, टेंडर, सरकारी संस्थाओं के लिए खरीदारी में कमीशनखोरी के जरिए अवैध कमाई की।
बताया गया है कि आईएएस राजीव अरुण एक्का ने अपने बहनोई निशिथ केसरी, अपनी पत्नी और बेटी को भ्रष्टाचार के जरिए की गई अवैध कमाई में साझीदार बनाया। ईडी ने इनके आयकर रिटर्न में भी गड़बड़ियां पकड़ी हैं।
ईडी की इन सूचनाओं के आधार पर एफआईआर दर्ज होते ही जांच और तेज होगी।
दरअसल, कुछ महीने पहले एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें आईएएस राजीव अरुण एक्का पावर ब्रोकर के रूप में पहचाने जाने वाले शख्स विशाल चौधरी के निजी दफ्तर में बैठकर कथित तौर पर फाइलें निपटाते देखे गए थे।
इसके पहले विशाल चौधरी के आवास पर ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में छापामारी की थी। इस वीडियो के सामने आने के बाद बीते मार्च महीने में ईडी ने राजीव अरुण एक्का से लगातार दो दिनों तक पूछताछ की थी।
इस दौरान राजीव अरुण एक्का ने विशाल से दोस्ती की बात तो स्वीकार की, लेकिन, लेकिन इस बात से इनकार किया था कि वे सरकारी फाइल निपटा रहे थे। उन्होंने कहा कि वे विशाल चौधरी के एक पत्र की ड्राफ्टिंग दुरुस्त कर रहे थे।
विशाल के दफ्तर में बैठे राजीव अरुण एक्का का वीडियो जारी होने के बाद जब सियासी हंगामा मचा था तो सरकार ने उन्हें मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव के पद से हटा दिया था। उनके पास गृह विभाग और सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के प्रधान सचिव का भी पद था। उन्हें इन पदों से भी हटा दिया गया था।
बता दें कि ईडी द्वारा पिछले डेढ़ साल से झारखंड में भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग के अलग-अलग मामलों की जांच के दौरान दो आईएएस पूजा सिंघल और छवि रंजन गिरफ्तार किए गए हैं। ये दोनों आईएएस फिलहाल जेल में हैं।
–आईएएनएस
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