Home विदेश जानें क्यों 9 मई को यूक्रेन पर कहर बन टूट सकते हैं पुतिन, जेलेंस्की के लिए बड़ी चिंता

जानें क्यों 9 मई को यूक्रेन पर कहर बन टूट सकते हैं पुतिन, जेलेंस्की के लिए बड़ी चिंता

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जानें क्यों 9 मई को यूक्रेन पर कहर बन टूट सकते हैं पुतिन, जेलेंस्की के लिए बड़ी चिंता

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 Russia Ukraine War: रूस के साथ जारी जंग के बीच यूक्रेन के कई शहर खंडहर में तब्दील हो चुके हैं. बावजूद इसके यूक्रेन के शहरों पर रूस का कहर जारी है. रविवार की रात यूक्रेन के लिए किसी डरावने सपने की तरह था. इस रात रूस ने कीव के साथ अन्य शहरों पर जमकर ड्रोन, मिसाइल और हवाई हमले किए. रूस ने इस दौरान यूक्रेन के शहरों को तबाह करने के लिए ईरानी ड्रोन ‘शहीद’ का इस्तेमाल किया. 

उधर यूक्रेन का दावा है कि यूक्रेनी सेना ने रूस के सभी 35 ड्रोन मार गिराए. रूस के हमले को लेकर कीव के मेयर ने कहा कि राजधानी में एक ईंधन डिपो, कार, इमारतों और बुनियादी ढांचे को हुए नुकसान के कारण कम से कम पांच लोग घायल हो गए हैं. साथ ही ओडेसा के काला सागर शहर में एक गोदाम में एक मिसाइल हमले के बाद आग लगने के कारण तीन लोग घायल हुए हैं. 

अंतिम कोशिश कर रहा रूस 

कीव ने दावा किया कि रविवार की रात मॉस्को बखमुत पर कब्जा करने की अंतिम कोशिश कर रहा था. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, रूस ने यूक्रेन के रक्षा हथियारों को खत्म करने के लिए ये हमले किए हैं. दावा किया जा रहा है कि है कि रूस विक्ट्री डे परेड की तैयारी कर रहा है. गौरतलब है कि दूसरे विश्व युद्ध में नाजी जर्मनी को हराने की याद में रूस हर साल 9 मई को विक्ट्री डे सेलिब्रेट करता है.

यूक्रेन सेना के अधिकारियों के अनुसार, पिछले 24 घंटों में खार्किव, खेरसॉन, मायकोलाइव और ओडेसा क्षेत्रों में 16 रॉकेट दागे गए, इसके अलावा यूक्रेन की चौकियों और आबादी वाले इलाकों पर 61 हमले और 52 रॉकेट दागे गए. 

विजय दिवस की तयारी में है रूस 

मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि मॉस्को मंगलवार (9 मई) को होने वाली विजय दिवस परेड की तैयारी कर रहा है. रूस के लिए यह दिन हमेशा से ख़ास रहा है. ऐसे में पुतिन इसी दिन नया कीर्तिमान स्थापित करना चाहते हैं.

इससे पहले यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने एक बयान में कहा कि नाज़ीवाद के खिलाफ उस युद्ध में लाखों यूक्रेनियनों की वीरता को याद करते हुए, हम आज अपने सैनिकों के कार्यों में उसी वीरता को देखते हैं. 

 ज़ेलेंस्की ने आगे कहा कि जैसे उस वक्त नाज़ीवाद हार गया था ठीक वैसे ही रूस भी हार जाएगा. उन्होंने आगे कहा कि दुर्भाग्य से बुराई फिर वापस आ गई है. जैसे नाजीवाद के  दौर में बुराई हमारे कस्बों और गांवों में घुस गई थी. 

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