राजनीति का ऊंट कब किस करवट बैठ जाए इसका पता किसी को नही है। कुछ ऐसे ही घटनाक्रम बीते कुछ दिनों से जिले की राजनीति में भी हुए हैं। विधानसभा चुनाव में एक-दूसरे के राजनीतिक धुर विरोधी से लोकसभा चुनाव के दौरान दिखी जुगलबंदी राजनीति में नया गुल खिला सकती है। कैसरगंज से भाजपा प्रत्याशी के समर्थन में हुई नामांकन सभा में भी कुछ ऐसा ही दृश्य देखने को मिला।