नई दिल्ली/ भोपाल/ बेंगलुरु/गुरुग्राम, 18 नवंबर (आईएएनएस)। सरकार द्वारा भाविश अग्रवाल के नेतृत्व वाली ओला इलेक्ट्रिक के उपभोक्ता शिकायत निवारण प्रोसेस को लेकर विस्तृत जांच का आदेश दिया है, लेकिन इसके ग्राहकों को कोई राहत नहीं मिली है। सोमवार को कई ग्राहकों ने अपने इलेक्ट्रिक स्कूटर को लेकर असंतुष्टि व्यक्त की।
भोपाल में ओला इलेक्ट्रिक स्कूटर ग्राहक विपिन शर्मा ने आईएएनएस से बातचीत में कहा कि उन्होंने करीब डेढ़ साल पहले ओला एस1 प्रो ई-स्कूटर खरीदा था। स्कूटर चलते समय रुक जाता है और लगातार हैंग भी होता रहता है, जिसके कारण इसे दोबारा से शुरू करना पड़ता है।
आगे कहा कि खरीदने के बाद अब तक मैं इसकी पांच बार सर्विस करा चुका हूं। शहर में काफी कम ओला सर्विस सेंटर हैं।
वाराणसी में वकील विशाल ने आईएएनएस से कहा कि ओला इलेक्ट्रिक की एस1 एयर मेरे पास है। गाड़ी को खरीदे एक साल भी नहीं हुआ है, लेकिन इसकी बैटरी तीन बार खराब हो चुकी है। इसमें सॉफ्टवेयर को लेकर काफी समस्याएं हैं। ये क्रैश हो जाते हैं, जिसके कारण गाड़ी हैंग हो जाती है। लोकल मैकेनिक इसे ठीक नहीं कर सकते हैं। इस कारण बार-बार सर्विस सेंटर पर आना पड़ता है।
आगे कहा कि सर्विस सेंटर पर एक बार जाने के बाद कम से कम एक हफ्ते से लेकर एक महीन तक स्कूटर वहां खड़ा रहता है।
वाराणसी के ही बादल जयसवाल ने कहा कि पिछले साल मई में मैंने ओला इलेक्ट्रिक स्कूटर को खरीदा था। गाड़ी में सॉफ्टवेयर और सर्विस को लेकर काफी सारी परेशानियां हैं। सॉफ्टवेयर क्रैश कर जाता है, जिससे गाड़ी हैंग हो जाती है। वहीं, पार्ट्स के लिए सर्विस सेंटर पर महीनों इंतजार करना पड़ता है और इसके पार्ट्स भी महंगे हैं।
बेंगलुरु से सोहन ने कहा कि वह पिछले एक साल से ओला इलेक्ट्रिक स्कूटर का उपयोग कर रहे हैं। यह ई-स्कूटर बीच रास्ते में कई भी रुक जाता है और कई बार स्क्रीन भी काली हो जाती है। इसकी क्वालिटी भी काफी खराब है।
गुरुग्राम के कुंवर पाल ने कहा कि मैंने जनवरी के आखिरी हफ्ते में ओला इलेक्ट्रिक स्कूटर लिया है। चलते-चलते इसका पिछला टायर जाम हो गया था। अब सर्विस सेंटर पर आकर पता लगा है कि इसकी बैटरी खराब है और इसमें 30 हजार रुपये का खर्च आएगा।
ईवी फर्म द्वारा केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) को लिखे पत्र में कहा गया कि राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन (एनसीएच) पर इसकी सर्विस और अन्य समस्याओं को लेकर आई 10,644 शिकायतों में से 99.1 प्रतिशत का समाधान कर दिया गया है, लेकिन ग्राहकों की समस्याएं समाप्त नहीं हो रही हैं।
–आईएएनएस
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