Home देश क्या PM मोदी जनता से जुड़ने के लिए नए भाषा-संवाद का इस्तेमाल करते हैं? सर्वे में आया ये रिएक्शन

क्या PM मोदी जनता से जुड़ने के लिए नए भाषा-संवाद का इस्तेमाल करते हैं? सर्वे में आया ये रिएक्शन

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क्या PM मोदी जनता से जुड़ने के लिए नए भाषा-संवाद का इस्तेमाल करते हैं? सर्वे में आया ये रिएक्शन

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ABP News CVoter Survey On Modi Govt: केंद्र में मोदी सरकार के 9 साल पूरे हो चुके हैं. 26 मई 2014 को नरेंद्र मोदी ने पहली बार प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली थी. इन 9 वर्षों में पीएम मोदी ने कई भाषण और कई नारे दिए हैं. राज्यों की यात्रा के दौरान उन्हें अक्सर रैलियों में स्थानीय बोली-भाषा में कुछ शब्द बोलते हुए जरूर देखा जाता है. उनकी यह खूबी स्थानीय लोगों का ध्यान खींचने में मददगार साबित होती है.

यहां तक कि विदेशी नेताओं को बधाई या स्वागत जैसे संदेश लिखना हों तो पीएम मोदी के हैंडल से संबंधित भाषा में ट्वीट किए जाते हैं. जाहिर है कि इसका सीधा उद्देश्य कनेक्ट करने को लेकर ही होता है.

पीएम मोदी के भाषा-संवाद के बारे में एबीपी न्यूज ने जनता की राय समझने की कोशिश की है. एबीपी न्यूज के लिए सी-वोटर ने ‘देश का मूड’ सर्वे किया है. सर्वे में देशभर से शामिल 2,118 लोगों से पूछा गया कि क्या पीएम मोदी जनता से जुड़ने के लिए नए भाषा-संवाद का इस्तेमाल करते हैं? इस पर जनता ने अलग-अलग राय व्यक्त की.

Desh Ka Mood Survey: ऐसा कहा जाता है कि PM मोदी जनता से जुड़ने के लिए नए भाषा-संवाद का इस्तेमाल करते हैं, क्या आप इससे सहमत हैं?
(स्रोत- सी वोटर)
हां- 49%
नहीं- 34%
कह नहीं सकते- 17%

सर्वे में सबसे ज्यादा 49 फीसदी लोगों ने कहा कि ‘हां’ पीएम मोदी जनता से जुड़ने के लिए नए भाषा-संवाद का इस्तेमाल करते हैं. 34 फीसदी लोगों ने ‘नहीं’ में उत्तर दिया. वहीं, ‘कह नहीं सकते’ का जवाब 17 फीसदी लोगों ने दिया. सर्वे में एक सवाल आम जनता से पीएम मोदी के संबंध को लेकर भी पूछा गया. 

क्या आप इस दावे से सहमत हैं कि PM मोदी ने आम जनता के साथ व्यक्तिगत संबंध स्थापित किया है?
(स्रोत- सी वोटर)
हां- 48%
नहीं- 38%
कह नहीं सकते- 14%

48 फीसदी लोगों ने कहा कि ‘हां’, पीएम मोदी ने आम जनता के साथ व्यक्तिगत संबंध स्थापित किया है. 38 फीसदी लोगों ने ‘नहीं’ में उत्तर दिया. वहीं, 14 फीसदी लोगों ने कहा कि वे ‘कह नहीं सकते’. गौरतलब है कि पीएम मोदी अक्सर अपने भाषण या बयानों में रचनात्मकता और सृजनात्मकता दिखाते हैं. पीएम बनते ही उन्होंने प्रधानमंत्री को ‘प्रधान सेवक’ के तौर पर पेश किया था. वह ‘सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास’ जैसा नारा लेकर आए. वहीं, ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ और देश का ‘अमृतकाल’, ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्म निर्भर भारत’ जैसे नारे पीएम मोदी की देन माने जाते हैं.

पिछले दिनों अमेरिकी वाणिज्य मंत्री जीना रायमोंडो ने पीएम मोदी के साथ हुई उनकी एक मुलाकात का जिक्र करते हुए कहा था कि उन्होंने (PM Modi) AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) को ‘अमेरिका इंडिया’ टेक्नोलॉजी बताया था. पीएम मोदी की यही नई भाषा-संवाद शैली लोगों को आकर्षित करती है.

यह भी पढ़ें- ABP CVoter Survey: क्या मोदी सरकार जनकल्याणकारी योजनाओं को बिना भ्रष्टाचार लागू करने में सफल रही? सर्वे में जानें

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